JNU छात्रसंघ चुनाव बहस: लेफ्ट का PM मोदी पर हमला, ABVP दिलाएगी 'देशद्रोही' तत्वों से छुटकारा
जेएनयू की प्रेसिडेंशियल डिबेट को सुनने के लिए काफी भीड़ जमा होती है. इस साल की डिबेट बुधवार यानि 12 सितंबर को हुई. डिबेट में यूनिवर्सिटी के मुद्दों के साथ-साथ देश के मुद्दों पर भी भाषण हुए.

नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कल यानि 14 सितंबर को छात्रसंघ चुनाव होने हैं. जेएनयू के छात्रसंघ चुनाव की हमेशा तारीफ की जाती है क्योंकि और कॉलेजों के चुनावों की तरह यहां हुड़दंग नहीं होता है. शांति से चुनाव हो जाते हैं. लेकिन, जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की सबसे खास बात यहां होने वाला प्रेशिडेंशियल डिबेट है. इस डिबेट में अलग-अलग छात्र संगठनों के कैंडिडेट यूनिवर्सिटी के मुद्दों पर बात करते हैं और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं. इस डिबेट को सुनने के लिए काफी भीड़ जमा होती है. इस साल ये डिबेट बुधवार यानि 12 सितंबर को हुई. डिबेट में यूनिवर्सिटी के मुद्दों के साथ-साथ देश के मुद्दों पर भी भाषण हुए.
लेफ्ट कैंडिडेट ने किया पीएम मोदी पर हमला
इस बार के छात्रसंघ चुनाव में यहां लेफ्ट विचारधारा वाली पार्टियां ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) गठबंधन कर एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं. इनके प्रेशिडेंशियल कैंडिडेट एन साई बालाजी ने डिबेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को 'लिंचिस्तान' बना दिया है. बालाजी ने कहा, ''देश में भीड़ लोगों को मार रही है और (मारने के बाद) खुद बच जा रही है क्योंकि उन्हें आरएसएस और केंद्र सरकार की शह मिली हुई है. नोटबंदी फेल रही, लोगों को नौकरियों का झूठा वादा किया गया और उच्च शिक्षा को लगातार खराब किया जा रहा है.''
देशद्रोही तत्वों से छुटकारा दिलाएगी एबीवीपी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कैंडिडेट ललित पांडेय ने वामपंथी संगठनों पर हमला करते हुए कहा कि आइसा, डीएसएफ, एसएफआई और एआईएसएफ छात्र संघ चुनावों के समय अवसारवादी हो जाते हैं, जिससे एबीवीपी छात्रसंघ में न आ पाए और यूनिवर्सिटी के मुद्दों को सुलझाने के लिए कोई एकजुट न हो सके. एबीवीपी के कैंडिडेट ने कहा कि अगर वो जीतते हैं तो वो कैंपस के इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ सेंटर और दूसरे मुद्दों का समाधान करेंगे. एबीवीपी ने यूनिवर्सिटी को 'देशद्रोही' तत्वों से भी छुटकारा दिलाने की बात की.
बाप्सा ने की लेफ्ट-राइट से हटकर सोचने की अपील बिरसा अम्बेडकर फुले स्टूडेंट एसोसिएशन (बाप्सा) के प्रेशिडेंशियल कैंडिडेट थल्लापल्ली प्रवीन ने डिबेट में कहा कि उनकी पार्टी यूनिवर्सिटी के शोषित लोगों की आवाज उठाती है. उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वो लेफ्ट और राइट विचारधारा से हटकर सोचें. प्रवीन ने कहा कि केंद्र सरकार 'भारत माता की जय' कहने को बोलती है लेकिन राधिका वेमुला (रोहित वेमुला की मां) और फातिमा नफीस (नजीब अहमद की मां) को रुलाती है. लेफ्ट पार्टियों पर आरोप लगाते हुए प्रवीन ने कहा कि वो यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मजबूती से नहीं खड़े होते हैं और उन्हीं की वजह से एबीवीपी के समर्थक बढ़े हैं.
एनएसयूआई ने उठाया बजट कटौती का मुद्दा कांग्रेस की स्टूडेंट विंग नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कैंडिडेट विकास यादव ने उच्च शिक्षा के बजट में कटौती, सीटों की कटौती और जेएनयू की आरक्षण नीति को कमजोर करने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया.
पहली बार मैदान में आरजेडी कैंडिडेट इस बार के जेएनयू छात्र संघ चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी अपने स्टूडेंट विंग को चुनाव में उतारा है. आरजेडी की ओर से मैदाने में उतरे प्रेशिडेंशियल कैंडिडेट जयंत जिज्ञासु ने भी एनएसयूआई कैंडिडेट की तरह ही सरकार पर कई आरोप लगाए.
तीन निर्दलीय कैंडिडेट भी लड़ रहे हैं चुनाव डिबेट में तीन निर्दलीय कैंडिडेट जहानु कुमार हीर, निधि मिश्रा और सैब बिलावल ने भी भाषण दिया. इन्होंने छात्र संगठनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि छात्र संगठन राजनीति कर कैंपस को बांटने का काम करते हैं, जबकि उन्हें जेएनयू प्रशासन की गलत नीतियों के खिलाफ छात्रों को एकजुट करना चाहिए.
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