एक्सप्लोरर
Advertisement
नागरिकता संशोधन बिलः CM बिप्लब देब के साथ मीटिंग के बाद आदिवासी संगठनों ने वापस लिया प्रदर्शन
राज्य के आदिवासी दलों और देशज संगठनों का एक समूह है. एक वरिष्ठ आदिवासी नेता बी के ह्रांगहाल ने कहा कि अब कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा और आंदोलन वापस ले लिया गया है.
अगरतलाः ज्वाइंट मूवमेंट अगेंस्ट सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (जेएमएकैब) ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को बुधवार को वापस ले लिया. गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का आश्वासन के बाद यह कदम उठाया गया. जेएमएकैब के प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के बीच हुई बैठक के बाद प्रदर्शन वापस लेने की घोषणा की गई.
कैब के खिलाफ संयुक्त आंदोलन (जेएमएकैब) राज्य के आदिवासी दलों और देशज संगठनों का एक समूह है. एक वरिष्ठ आदिवासी नेता बी के ह्रांगहाल ने कहा कि अब कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा और आंदोलन वापस ले लिया गया है.
बता दें कि नागरिकता बिल को राज्यसभा में भी पास कर दिया गया है. राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि 105 सासंदों ने इसका विरोध किया. इससे पहले सोमवार को लोकसभा में इस बिल को पास कर दिया गया था.
क्या है नागरिकता संशोधन बिल? बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में पास हो गया. बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े तो वहीं 105 सांसदों ने इस बिल का विरोध किया. इससे पहले सोमवार को ही लोकसभा से यह बिल पारित हो चुका है. नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से पास होने के बाद महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी ने इस्तीफा देने का फैसला किया इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. राज्यसभा से भी पास हुआ नागरिकता संशोधन बिल, पक्ष में 125 वोट तो विपक्ष में पड़े 105 वोट Modi सरकार ने रचा इतिहास, Rajya Sabha से पास हुआ CAB, पक्ष में 125 और विपक्ष में पड़े 105 वोट
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Advertisement
ट्रेडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
इंडिया
क्रिकेट
Advertisement
रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
Opinion