Ropeway Accident: झारखंड के देवघर में पूरा हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, आसमान में बचाई गईं 47 जिंदगियां, कोर्ट ने उठाया कदम
झारखंड के देवघर में त्रिकूट की पहाड़ी पर रविवार को अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया था. करीब 46 घंटे के बाद आज रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है.

Jharkhand Mishap Live Updates: झारखंड के देवघर में रोपवे हादसे के करीब 46 घंटे बाद मंगलवार को ऑपरेशन पूरा हो गया. इसके बाद आसमान में फंसी 47 जानें बचा ली गईं जबकि 2 महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई. इधर, देवघर रोप-वे की घटना पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं. झारखंड हाईकोर्ट इस मामले में 26 अप्रैल को सुनवाई करेगी. इससे पहले राज्य को एक हलफनामे के जरिए विस्तृत जांच रिपोर्ट दाख़िल करने को कहा गया है.
रविवार को अंधेरा शुरू होने की वजह से ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया था. अधिक ऊचाई और दुर्गम पहाड़ी होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस बीच, मंगलवार को रस्सी टूटने की वजह से एक महिला जमीन पर गिर गई. उसे इलाज के लिए ले जाया गया. लेकिन, उसने दम तोड़ दिया. इसकी वजह से कुछ देर के लिए ऑपरेशन को रोक दिया गया था. इससे पहले, दो ट्रालियों के सटे होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. रेस्क्यू ऑपरेशन में वायु सेना के Mi-17 हेलिकॉप्टर को लगाया गया है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर इतना बड़ा हादसा हो कैसे गया. जिन ट्रॉलियों पर ये हादसा हुआ है, इन ट्रॉलियों के जरिए हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु झारखंड की धार्मिक नगरी देवघर के पहाड़ पर बने मंदिरों तक पहुंचते हैं.
दो दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन
बीते रविवार को एक साथ कई ट्रॉलियों को श्रद्धालुओं के साथ रवाना कर दिया गया. अचानक रोप-वे के केबल पर लोड बढ़ गया और एक रोलर टूट गया. चश्मदीदों के मुताबिक रोलर टूटते ही तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं-और उनमें से दो ट्रॉलियां लुढ़कर नीचे जा गिरी. ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि जब तक कोई कुछ समझ पाता, कई श्रद्धालु ट्रॉलियों से जमीन पर गिर चुके थे. रोप वे की ट्रॉलियां दो पहाड़ों के बीच फंसी हैं. चारों तरफ पहाड़ियां हैं और नीचे खाई है और बीच में वो लोग फंसे हुए हैं-जो रविवार को ट्रॉलियों में सवार हुए थे. रोप-वे की ट्रॉलियां जमीन से करीब 2500 फीट की ऊंचाई पर है और इतनी ऊंचाई पर अब भी कई लोग फंसे हुए हैं.
#WATCH | IAF recommenced rescue operations at Deoghar ropeway in Jharkhand, early this morning.
— ANI (@ANI) April 12, 2022
(Video source: IAF Twitter handle) pic.twitter.com/XstP7ESWAE
रविवार को अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया था. लेकिन सोमवार को वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना, वायुसेना और NDRF ने मोर्चा संभाला और ये रेसक्यू ऑपरेशन अभी तक चल रहा है. रेस्क्यू टीम के अधिकारियों ने बच्चों को बिस्किट और फ्रूटी देकर बहलाने की कोशिश की, लेकिन खौफ की लकीरें उनके चेहरों पर साफ देखी जा सकती थीं. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक शख्स ने हेलिकॉप्टर से गिरकर अपनी जान भी खो दी.
रोप-वे एक्सीडेंट के बाद हरकत में सरकार
रविवार की शाम चार बजे ट्रॉली कारों के आपस में टकराने के कारण रोपवे में खराबी आ जाने के बाद, हवा में लटकी केबल कारों से अब तक करीब 50 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था. घटना में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से एक पर्यटक सोमवार को हेलीकॉप्टर से बचाव के प्रयास के दौरान गिर गया था. हादसे में घायल हुए 12 लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. वायु सेना, सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा बचाव अभियान जारी है.
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा, ‘‘त्रिकूट पर्वत पर रोपवे यात्रा के दौरान फंसे लोगों को वायुसेना और एनडीआरएफ की टीम सुरक्षित निकाल रही है. अब तक सात लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।’’ भजंत्री ने कहा कि वायुसेना, सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की टीम ने सुबह बचाव अभियान शुरू किया ताकि फंसे हुए लोगों को बचाया जा सके.
सूर्यास्त के बाद बचाव अभियान को रोकना पड़ा क्योंकि रोपवे पहाड़ियों से घिरे घने जंगलों से होकर गुजरता है, जहां वायुमार्ग के अलावा दूसरे मार्ग से पहुंचना मुश्किल है. साथ ही जमीन से बचाव अभियान चलाना भी मुश्किल है क्योंकि ट्रॉलियां 1500 फुट तक की ऊंचाई पर लटकी हैं.
इस बीच, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की और कहा कि प्रशासन बचाव अभियान पर कड़ी नजर रखे हुए है. सुरक्षित निकाले गए यात्रियों को वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद से ‘एयरलिफ्ट’ किया गया. हवा में लटकी केबल कारों में फंसे लोगों को भोजन और पानी की आपूर्ति के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. सोरेन ने कहा, ‘‘राज्य सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है.’’
ये भी पढ़ें: Deoghar Ropeway Accident: देवघर में 32 लोगों को किया गया रेस्क्यू, तीन ट्रॉलियों में अब भी फंसे हैं 15 लोग, 3 की मौत
Source: IOCL





















