Waqf Bill: 'क्या कोई आदिवासी मुसलमान नहीं हो सकता'? वक्फ बिल से असहमति नोट हटाए जाने पर खफा ओवैसी
Owaisi on JPC report of Waqf: ओवैसी ने 130 पन्नों से ज्यादा का असहमति नोट कमेटी को सौंपा था, जिसे 9 चैप्टर में डिवाइड किया गया था, लेकिन सदन में रखी गई रिपोर्ट में केवल 8 चैप्टर ही शामिल किए गए हैं.

Asadudding Owaisi on JPC report of Waqf: वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को लेकर लोकसभा सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाए हैं कि उनके असहमति नोट को अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट से ही हटा दिया है. मंगलवार (4 फरवरी, 2025) को असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बहुत गलत काम किया है. उन्होंने मेरी दी हुई रिपोर्ट में से 8 से 10 पैराग्राफ को ब्लैक आउट कर दिए. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि क्या आदिवासी मुसलमान नहीं हो सकता?
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को यह रूल पता होना चाहिए कि अगर किसी मेंबर की डिसेंट रिपोर्ट ऐड नहीं की जा रही है तो उसे इस बारे में इन्फॉर्म किया जाता है. वहीं जेपीसी की रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि वक्फ आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा कर रहा है. इसको लेकर ओवैसी ने कहा कि लीगली मुसलमान ट्राइबल हो सकता है. इस संसद में मुस्लिम ट्राइबल भी रह चुके हैं, लक्षद्वीप के. लक्षद्वीप में कई ट्राइबल मुसलमान है.
'नहीं दी कोई जानकारी'
वहीं जेपीसी की रिपोर्ट को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि रिपोर्ट में हमने कई फेक्चुअल चीज लिखी, जिसे ब्लैक आउट कर दिया गया. हमें इसकी कोई जानकारी भी नहीं थी. ऐसे ही न जाने कितने अपोजिशन मेंबर्स की रिपोर्ट के साथ ऐसा किया होगा. उन्होंने अपनी मनमानी की है. हम इसके लिए स्पीकर को लेटर लिखेंगे.
130 पन्नों से ज्यादा का था असहमति नोट
ओवैसी ने 130 पन्नों से ज्यादा का असहमति नोट कमेटी को सौंपा था, जिसे 9 चैप्टर में डिवाइड किया गया था, लेकिन सदन में रखी गई रिपोर्ट में केवल 8 चैप्टर ही शामिल किए गए हैं. साथ ही की 40 असहमति के पॉइंट भी हटा दिए गए. असहमति नोट के पहले चैप्टर प्रीफेस (Preface) में ओवैसी ने लिखा था कि रिपोर्ट में दावा किया गया कि आदिवासियों की जमीन वक्फ की जा रही है और मंत्रालय इस पर एक्शन ले. ओवैसी के मुताबिक, भारत में कई आदिवासी मुसलमान हैं, जिन पर समिति ने रिपोर्ट के दौरान ध्यान नहीं दिया. इसके बाद में लिखे बिंदु को रिपोर्ट में नहीं रखा गया और काले रंग से हटा दिया गया.
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