अंतरिक्ष में भारत की एक और उड़ान, नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1I सफलता के साथ लांच
इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से आज सुबह 4.04 बजे नेविगेशन सैटेलाइट (IRNSS-1I) को लॉन्च किया. यह स्वदेशी तकनीक से निर्मित है.

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से आज सुबह 4.04 बजे नेविगेशन सैटेलाइट (IRNSS-1I) को लॉन्च किया. IRNSS-1I स्वदेशी तकनीक से निर्मित नेविगेशन सैटेलाइट है.
IRNSS-1I वजनी 142 इस सैटेलाइट की लंबाई 1.58 मीटर, ऊंचाई 1.5 मीटर और चौड़ाई 1.5 मीटर है. सैटेलाइट से समुद्री नेविगेशन के साथ ही मैप और सैन्य क्षेत्र को मदद मिलेगी. ये सैटेलाइट इसरो की नाविक प्रणाली का हिस्सा होगी.
WATCH: ISRO launches the IRNSS-1I navigation satellite aboard the PSLV-C41 from First Launch Pad (FLP) of SDSC SHAR, Sriharikota. #AndhraPradesh pic.twitter.com/RNfzYfw0VJ
— ANI (@ANI) April 11, 2018
आईआरएनएसएस-1I एनएवीआईसी नौवहन उपग्रह (सैटेलाइट) धरती के धुव्रीय कक्षा में स्थापित होने वाली नौवहन प्रणाली का आठवां उपग्रह है. इसकी लांचिंग से एक पखवाड़े पहले इसरो ने कम्यूनिकेशन उपग्रह जीसैट-6ए को 29 मार्च प्रक्षेपित किया था, लेकिन 31 मार्च को इससे संपर्क टूट गया, जब यह धरती से 36,000 किलोमीटर ऊपर जियो -स्टेशनरी कक्षा में था.
अंतरिक्ष एजेंसी की कनार्टक के हासन स्थित मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी (एमसीएफ) इस 2,000 किलोग्राम भार वाले उपग्रह से 1 अप्रैल से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है.
आठवां नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-11 एनएवीआईसी को 1,425 किलोग्राम के आईआरएनएसएस-1एच उपग्रह की जगह पर छोड़ा गया, जो 31 अगस्त 2017 को प्रक्षेपण के दौरान पीएलएलपी रॉकेट से बाहर निकलने में असफल रहा था, क्योंकि लांचिंग के 20 मिनट बाद इसका हीट शील्ड खराब हो गया था, जिससे यह रॉकेट से अलग होकर अपनी कक्षा में स्थापित नहीं हो सका था.
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