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Presidential Election: कौन चुना गया निर्विरोध, किसका कार्यकाल रहा सबसे लंबा? जानिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
Presidential Election 2022: देश को 25 जुलाई को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा. इससे पहले जानिए भारत के राष्ट्रपति चुनावों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
President Election Interesting Facts: राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज मतदान हुआ है. वोटों की गिनती गुरुवार को होगी, जबकि नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण 25 जुलाई को होगा. इस बार मुकाबला एनडीए (NDA) की उम्मादवीर द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) और विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के बीच है. इससे पहले आपको भारत (India) के राष्ट्रपति चुनावों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताते हैं. जैसै कि देश में सबसे करीबी चुनाव कब हुआ, कौन कब निर्विरोध चुना गया.
- 1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद से 14 लोगों को भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है, जिनमें से 12 ने अपना पांच साल का पूरा कार्यकाल पूरा किया है. 26 जनवरी 1950 डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad) संविधान संविधान द्वारा देश के राष्ट्रपति चुने गए थे.
- देश में पहली बार 1952 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हुआ था. इस चुनाव में राजेंद्र प्रसाद ने 5,07,400 वोट हासिल किए. उनके बाद विपक्षी के.टी शाह को 92,827 वोट मिले थे.
- इसके बाद 1957 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए और एक फिर राजेंद्र प्रसाद ने जीत हासिल की. राजेंद्र प्रसाद अब तक इस पद के लिए दोबारा चुने जाने वाले एकमात्र व्यक्ति रहे हैं.
- भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का कार्यकाल 12 साल और 107 दिनों का रहा, जोकि किसी भी राष्ट्रपति का सबसे लंबा कार्यकाल है. 1952 और 1957 के चुनावों में उन्होंने रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी. वहीं राष्ट्रपति बनने से पहले प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे.
- देश के दो राष्ट्रपति, जाकिर हुसैन (Zakir Husain) और फखरुद्दीन अली अहमद (Fakhruddin Ali Ahmed) की कार्यालय में मृत्यु हुई है. दोनों ने कार्यालय में तीन साल से कम समय तक सेवा की. जाकिर हुसैन की मृत्यु 3 मई 1969 को हुई थी, जबकि फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु 11 फरवरी 1977 को हुई थी.
- भारत का सबसे दिलचस्प राष्ट्रपति चुनाव 1969 में लड़ा गया था, जब आधिकारिक कांग्रेस उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी निर्दलीय वीवी गिरी (VV Giri) से हार गए थे. गिरि को 50.9% फीसदी वोट मिले. जबकि नीलम संजीव रेड्डी को 49.1% फीसदी वोट मिले थे. दिलचस्प बात ये थी कि वीवी गिरि ने 17 राज्य विधानसभाओं में से 11 में बहुमत हासिल किया था जबकि इनमें से कांग्रेस पार्टी 12 में सत्ता में थी.
- 1977 में नीलम संजीव रेड्डी (Neelam Sanjiva Reddy) को निर्विरोध राष्ट्रपति चुना गया था. 36 अन्य उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज होने के बाद नीलम निर्विरोध चुने गए. इस प्रकार 1977 में कोई राष्ट्रपति चुनाव नहीं हुआ था. दिलचस्प बात ये है कि रेड्डी 1969 के चुनाव में कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार थे, लेकिन नजदीकी मुकाबले में वीवी गिरी से हार गए थे.
- एस राधाकृष्णन (S Radhakrishnan) 1962 में राष्ट्रपति बनने वाले पहले उपराष्ट्रपति थे. जाकिर हुसैन और वीवी गिरी, दोनों उपराष्ट्रपति- क्रमशः 1967 और 1969 में राष्ट्रपति बने थे. आर वेंकटरमन तीन साल के लिए उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा करने के बाद 1987 में राष्ट्रपति बने. उनके उत्तराधिकारी, शंकर दयाल शर्मा ने भी उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. शंकर दयाल शर्मा के बाद केआर नारायणन 1997 में राष्ट्रपति बने. इससे पहले केआर नारायणन भी उपराष्ट्रपति थे.
- एस राधाकृष्णन के अधीन उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा करने के बाद, 1967 में जाकिर हुसैन राष्ट्रपति बने. हालांकि, निधन से पहले वे दो साल से भी कम समय के लिए पद पर बने रहे. जाकिर हुसैन का राष्ट्रपति कार्यकाल (2 साल) भारत के इतिहास में सबसे छोटा है.
- 1957 के चुनाव में, राजेंद्र प्रसाद को 98.99 प्रतिशत वोट मिले थे जो अब तक का सबसे अधिक वोट है. अगले चुनाव में, एस राधाकृष्णन ने 98.25 प्रतिशत वोट हासिल किए, वोट प्रतिशत के मामले में वे दूसरे स्थान पर रहे.
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
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