Indian Railways: रूस-चीन और यूके के रेलवे नेटवर्क से आगे निकला भारत, रचा इतिहास, रेलमंत्री ने भरी संसद में किया खुलासा
भारतीय रेलवे ने ब्रॉड गेज नेटवर्क का 99.2% इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. जानिए कैसे भारत UK, रूस और चीन से आगे निकल गया है.

भारतीय रेलवे ने रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अपने ब्रॉड गेज नेटवर्क का 99.2% इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर लिया है. इस बात की जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में दी है. इसके साथ ही भारतीय रेलवे वैश्विक स्तर पर भी कई विकसित देशों से आगे निकल चुका है. अंतरराष्ट्रीय रेलवे संघ (UIC) की जून 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में भारत की स्थिति यूनाइटेड किंगडम (39%), रूस (52%) और चीन (82%) जैसे देशों से कहीं बेहतर है, जबकि सिर्फ स्विट्जरलैंड ही 100% इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ आगे है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि रेलवे, इलेक्ट्रिफिकेशन को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है. साल 2014 से पहले लगभग 60 सालों में सिर्फ 21,801 रूट किलोमीटर का ही इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ था, जबकि 2014 से 2025 के बीच रिकॉर्ड 46,900 रूट किलोमीटर का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया है. साल 2023-24 में 7,188 रूट किलोमीटर और 2024-25 में 2,701 रूट किलोमीटर का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा हुआ है. इसके साथ ही रेल मंत्री ने बताया कि देश के 14 रेलवे जोन को पूरी तरह 100% इलेक्ट्रिफाइड किया जा चुका है. जिनमें सेंट्रल रेलवे, नॉर्दर्न रेलवे, ईस्टर्न रेलवे, वेस्टर्न रेलवे, साउथ सेंट्रल रेलवे, कोलकाता मेट्रो और कोंकण रेलवे शामिल हैं.
कैसा है नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे और साउथर्न रेलवे का हाल?
इसके अलावा नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे और साउथर्न रेलवे लगभग 98%, जबकि नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर और साउथ वेस्टर्न रेलवे लगभग 95% इलेक्ट्रिफिकेशन तक पहुंच चुके हैं. इसके साथ देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100% इलेक्ट्रिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी चुकी है. जिनमें बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सहित 25 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में 100% इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुके हैं. जबकि पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम में मौजूदा ब्रॉड गेज नेटवर्क का 100% इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर लिया गया है. असम में 92% इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है और बाकी रूट पर भी काम जारी है.
नई लाइन और मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना
रेल मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया है कि सभी नई लाइन और मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ ही स्वीकृत और बनाया जा रहा है. हालांकि, जंगल की जमीन से जुड़ी स्वीकृतियों, भौगोलिक परिस्थितियों, मौसम और कानून-व्यवस्था जैसी चीजों की वजहों से कुछ परियोजनाओं में समय लग सकता है.
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Source: IOCL





















