एक्सप्लोरर

नेपाल के नए नक्शे को भारत ने किया खारिज, विदेश मंत्रालय ने कहा- इस कवायद का न कोई ऐतिहासिक आधार है और न साक्ष्य

भारत के कुछ इलाकों को अपना दिखाते हुए नेपाल की संसद ने नया मानचित्र संसद में पास किया है. भारत ने नेपाल के नए नक्शे को खारिज करते हुए कहा है कि इसका कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है.

नई दिल्ली: नेपाल की संसद में कुछ भारतीय इलाकों को अपना दिखाते हुए पास किए नए मानचित्र को भारत ने समस्या समाधान के लिए बनी आपसी समझ के खिलाफ करार दिया है. भारत ने साफ किया कि नक्शे पर कृत्रिम तरीके से किए गए ऐसे क्षेत्र विस्तार का न तो ऐतिहासिक साक्ष्यों पर आधारित है और न ही तार्किक है.

नेपाल की प्रतिनिधि सभा में पारित संविधान संशोधन प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि ''भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों को शामिल करते हुए नेपाल के नक्शे को बदलने की प्रक्रिया भारत के संज्ञान में है. इस बारे में भारत की स्थिति पहले से स्पष्ट है. इस तरह दावों को कृत्रिम तरीके से बढ़ाए जाना ऐतिहासिक तथ्यों या सबूतों पर आधारित नहीं है. न ही इसका कोई मतलब है.''

भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि नेपाल का ताजा कदम सीमा मुद्दों पर बातचीत करने के लिए दोनों पड़ोसी देशों के बीच बनी मौजूदा समझ के भी खिलाफ है. नेपाल के साथ सीमा समाधान को लेकर चल रही कवायद से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच कालापानी और नरसाही-सुस्ता मामले को सुलझाने के लिए 2014 से विदेश सचिव स्तर बातचीत की प्रक्रिया स्थापित है. इसके अलावा 1997 और 1998 में बना संयुक्त कार्यदल भी मौजूद है जो जरूरत पड़ने पर विदेश सचिवों को अपना तकनीकी इनपुट दे सकता है.

नए नक्शें का ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं

नेपाल जैसे मित्र देश के साथ अपने सभी मामलों को राजनयिक मामलों से सुलझाने की बात भारत हमेशा करता रहा है. इसी कड़ी में जब नेपाल ने 8 मई को कैलाश मानसरोवर मार्ग के लिए भारत की तरफ बनाई गई सड़क को लेकर ऐतराज जताया. तब भी भारत ने नेपाल के साथ बातचीत कर मामले को सुलझाने का संकल्प दोहराया. मगर इसके बावजूद नेपाल ने संसद में संविधान संशोधन प्रस्ताव कर नया नक्शा जारी कर दिया.

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, नेपाल में जिस जल्दबाजी के साथ नए नक्शे को पारित किया गया उससे स्पष्ट है कि उनकी मंशा सीमा मामलों के राजनीतिकरण की ज्यादा है. इससे स्पष्ट है कि नेपाल सरकार की मंशा मामले के समाधान को लेकर गंभीरता दिखाने की नहीं है. केवल कुछ सीमित दृष्टि और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं.

भारतीय खेमे के मुताबिक नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार आधे अधूरे तथ्यों और ऐतिहासिक साक्ष्यों की मनमानी परिभाषा के साथ नए नक्शे के बदलाव कर रही है. ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल राजघराने के बीच 1816 में हुई सुगौली की संधि के अनुच्छेद में नेपाल ने काली नदी के पश्चिम में अपने सभी दावों को छोड़ना स्वीकार किया था. ऐसे में लिपुलेख, कालापानी और लिंप्याधुरा को लेकर नेपाली दावों का कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है.

इतना ही नहीं खुटी और लिपुगढ़ धाराओं को लेकर नेपाल के बदलते दावे 1817 में हुए भारत के गवर्नर जनरल के उस फैसले के भी विपरीत हैं जिनमें खुटी और नाभि को लेकर नेपाल के दावों को खारिज किया गया था. यह दोनों ही इलाके काली नदी के पूर्व में स्थित हैं. महत्वपूर्ण है कि नेपाल ने सुगौली संधि के बाद 1817 में तिंकर, छांगरू, नाभि और खुटी के इलाकों को भारत से मांगा था. इसमें से उसे तिंकर और छांगरू दिए भी गए, लेकिन बाकी दो को देने से इनकार कर दिया गया था. इसी दौरान काली नदी के उद्गम का सवाल भी खत्म कर दिया गया था.

इतना ही नहीं नेपाल के बदलते दावे भारत ही नहीं चीन के साथ हुए उसके सीमा समझौतों और अंतरराष्ट्रीय संगठन में दिए अपने पिछले मानचित्रों के खिलाफ है. इतना ही नहीं भारत के बिहार राज्य का हिस्सा नरसाही और सुस्ता को कब्जाकर वहां अपनी बस्तियां बसा दी.

जरूरी सबूत जमा करने में लगा नेपाल

इस पूरी कवायद का एक रोचक पहलू है कि नया नक्शा जारी करने और उसे राजचिह्न में जगह देने के लिए संसद से प्रस्ताव पारित करने के बाद अब नेपाल सरकार इसके लिए जरूरी सबूत जमा कर रही है. हाल ही में ओली सरकार ने कालापानी और सुस्ता इलाके पर अपना अधिकार साबित करने वाले साक्ष्य खोजने और जमा करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई है.

जाहिर है ओली सरकार की इस राजनीतिक कवायद के पीछे अपने कुर्सी बचाने की कसरत तो है ही. साथ ही इसके लिए उन्हें चीन से मिली शह का भी असर है. जानकारों के मुताबिक ओली सरकार नया नक्शा जारी कर खुश हो सकती है. लेकिन इससे जमीनी स्थिति में बहुत अधिक बदलाव नहीं आने वाला है. भारत के साथ संबंधों की व्यापकता और घनिष्ठता के मद्देनजर इन्हें पूरी तरह ताख पर रखना नेपाल के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है.

Details: भारत के वो 10 फैसले जिससे तिलमिलाया हुआ है चीन, यहां जानें सब कुछ

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Weather Update: सावधान! आज 47 डिग्री तक पहुंच सकता है तापमान, इन राज्यों में रेड अलर्ट जारी, IMD ने कहा- घर के अंदर रहें
सावधान! आज 47 डिग्री तक पहुंच सकता है तापमान, इन राज्यों में रेड अलर्ट जारी, IMD ने कहा- घर के अंदर रहें
Swati Maliwal: बीजेपी मुख्यालय तक आज मार्च निकालेगी AAP, अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को दी ये बड़ी चुनौती
बीजेपी दफ्तर तक आज AAP का मार्च, अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को दी ये बड़ी चुनौती
Gurucharan Singh Sodhi के वापस लौटने पर को-स्टार जेनिफर ने किया रिएक्ट, बोलीं- उन्हें बताकर जाना चाहिए था
गुरुचरण सिंह के वापस लौटने पर को-स्टार जेनिफर बोलीं- बताना चाहिए था
Watch: RCB की जीत के बाद सड़कों पर हुआ डांस, हॉस्टल में नाचे फैंस, 2011 वर्ल्ड कप के बाद पहली बार दिखा ऐसा जश्न
RCB की जीत के बाद सड़कों पर हुआ डांस, हॉस्टल में नाचे फैंस, पहली बार दिखा ऐसा जश्न
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Heat waves,heat alerts,Hottest Day,heat waves alert,maximum temperatureखून की प्यासी आत्मा के लिए मर्डर ! | सनसनीकैंसर के मरीज़ों को रखना चाहिए इन बातों का ध्यान | किन चीज़ों को करें Avoid  | Health Liveगर्मी के साथ घमौरियां भी करने लगी हैं परेशान, तो इन  तरीकों से पाएं इनसे छुटकारा | Home Remedies

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Weather Update: सावधान! आज 47 डिग्री तक पहुंच सकता है तापमान, इन राज्यों में रेड अलर्ट जारी, IMD ने कहा- घर के अंदर रहें
सावधान! आज 47 डिग्री तक पहुंच सकता है तापमान, इन राज्यों में रेड अलर्ट जारी, IMD ने कहा- घर के अंदर रहें
Swati Maliwal: बीजेपी मुख्यालय तक आज मार्च निकालेगी AAP, अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को दी ये बड़ी चुनौती
बीजेपी दफ्तर तक आज AAP का मार्च, अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को दी ये बड़ी चुनौती
Gurucharan Singh Sodhi के वापस लौटने पर को-स्टार जेनिफर ने किया रिएक्ट, बोलीं- उन्हें बताकर जाना चाहिए था
गुरुचरण सिंह के वापस लौटने पर को-स्टार जेनिफर बोलीं- बताना चाहिए था
Watch: RCB की जीत के बाद सड़कों पर हुआ डांस, हॉस्टल में नाचे फैंस, 2011 वर्ल्ड कप के बाद पहली बार दिखा ऐसा जश्न
RCB की जीत के बाद सड़कों पर हुआ डांस, हॉस्टल में नाचे फैंस, पहली बार दिखा ऐसा जश्न
Overseas Funds: घरेलू निवेशकों को मिलेगा विदेशी म्यूचुअल फंड का फायदा, सेबी कर रहा ये तैयारी
घरेलू निवेशकों को मिलेगा विदेशी म्यूचुअल फंड का फायदा, सेबी की ये तैयारी
Lok Sabha Elections 2024: आठ राज्यों की 49 सीटों पर थमा चुनाव प्रचार, पांचवें चरण में इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर
आठ राज्यों की 49 सीटों पर थमा चुनाव प्रचार, पांचवें चरण में इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर
Lok Sabha Election 2024: 'सिर्फ मोदी जी को ही नहीं, हमें भी गर्व...', चाय वाले के PM बनने के सवाल पर जब प्रियंका ने कह दी ये बात
'सिर्फ मोदी जी को ही नहीं, हमें भी गर्व...', चाय वाले के PM बनने के सवाल पर जब प्रियंका ने कह दी ये बात
CJI DY Chandrachud: 'आप सुप्रीम कोर्ट के राहुल द्रविड़', CJI चंद्रचूड़ ने किस जस्टिस को बताया मिस्टर डिपेंडेबल
'आप सुप्रीम कोर्ट के राहुल द्रविड़', CJI चंद्रचूड़ ने किस जस्टिस को बताया मिस्टर डिपेंडेबल
Embed widget