India-China Talks: क्या अब खुलेगा तनाव का ताला? LAC विवाद सुलझाने के लिए 14वीं बार मिले भारत-चीन
India China Ties: भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच सीमा के वेस्टर्न सेक्टर में एलएसी की स्थिति को लेकर चर्चा हुई.
LAC Tension: सीमा विवाद सुलझाने को लेकर भारत और चीन के बीच गुरुवार को 14वें दौर की बैठक हुई. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच सीमा के वेस्टर्न सेक्टर में एलएसी की स्थिति को लेकर चर्चा हुई. इसके अलावा 10 अक्टूबर 2021 को जो सीनियर कमांडर्स की बैठक हुई थी, उसके बाद क्या क्या डेवेलपमेंट्स हुए हैं, इसकी भी समीक्षा हुई.
दोनों देश इस पर भी सहमत हुए कि पूर्वी लद्दाख में जो भी बाकी बचे हुए मुद्दे हैं, उनका निपटारा जल्द से जल्द किया जाए. इस दौरान शांति और सद्भावना स्थापित करने के लिए जो भी प्रोटोकॉल्स और अग्रीमेंट्स हुए हैं, उनका भी पालन किया जाएगा. भारत और चीन इस बात पर भी सहमत हुए कि वे जमीनी स्थिति को सामान्य रखेंगे और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचेंगे. दोनों देशों के बीच सीनियर कमांडर्स के बीच अगली बैठक जल्द कराने पर भी सहमति बनी.
गौरतलब है कि भारत-चीन सीमा पर तीन ऐसे पॉइंट्स हैं, जिनको लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनाव चला आ रहा है. ये हैं- पैंगोंग लेक, गोगरा पॉइंट और हॉट स्प्रिंग्स एरिया. फरवरी में दोनों देशों ने पैंगोंग लेक के उत्तर और दक्षिण तट पर डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया को पूरा कर लिया था. वहीं अगस्त में गोगरा एरिया पर भी डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो गई थी. इससे पहले 10 अक्टूबर को अंतिम दौर की सैन्य वार्ता गतिरोध के साथ समाप्त हुई. उस बैठक में, भारत ने कहा कि चीनी मिलनसार नहीं थे.
The 23rd meeting of Working Mechanism for Consultation & Coordination on India-China Border Affairs (WMCC) was held today: MEA pic.twitter.com/OQ03L42Dat
— ANI (@ANI) November 18, 2021
तब विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि भारत ने ऐसे कई सुझाव दिए , जिससे बाकी का तनाव खत्म हो सके लेकिन चीनी पक्ष ने इस पर हामी नहीं भरी और ना ही कोई भविष्य के लिए प्रस्ताव दिया. इसलिए बाकी इलाकों को लेकर कोई सहमति नहीं बनी. बता दें कि पिछले साल 5 मई को भारत और चीनी सैनिकों के बीच पैंगोंग लेक एरिया में भीषण हिंसा हो गई थी, जिसमें दोनों देशों के सैनिक शहीद हुए थे. बता दें कि फिलहाल एलएसी पर दोनों देशों के 50 से 60 हजार सैनिक हैं.
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