'सिर्फ समस्याएं न बताएं, उनका समाधान भी करें'... IB के अधिकारियों से बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्रालय ने अमित शाह के हवाले से कहा, "हमारी लड़ाई आतंकवाद के साथ-साथ उसकी समर्थन प्रणाली के खिलाफ है, जब तक हम उन दोनों के खिलाफ सख्ती से नहीं लड़ते, आतंकवाद पर जीत हासिल नहीं की जा सकती."

Amit Shah To IB: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau) से आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों को हल करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए आग्रह किया है. अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो को खुद को रिपोर्ट तैयार करने तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों को हल करने में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए, चाहे फिर वो अंतरराज्यीय विवाद हो या कट्टरवाद हो या फिर आंतकवाद ही क्यों ना हो.
इंडियन एक्सप्रेस पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 9 नवंबर को दिल्ली में एक बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें शीर्ष केंद्रीय अधिकारियों के अलावा आईबी और सभी सहायक खुफिया ब्यूरो के प्रमुख शामिल थे. सूत्रों ने बताया कि बैठक में शाह ने साफ संदेश किया कि आईबी अधिकारियों को अपने कौशल और नेटवर्क का उपयोग "परेशान करने वाले समूहों" के साथ जुड़ने और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अन्य प्रमुख मुद्दों को संबोधित करने के लिए करना चाहिए.
'IB की क्षमताओं का कम उपयोग किया गया'
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "गृह मंत्री ने रेखांकित किया कि आईबी के पास देश की सभी एजेंसियों के बीच सबसे व्यापक नेटवर्क है और चिंता व्यक्त की कि इसकी क्षमताओं का कुछ हद तक कम उपयोग किया गया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईबी को केवल समस्याओं को चिन्हित करना और रिपोर्ट तैयार करना नहीं है. उनका विचार था कि एजेंसी की क्षमताओं को देखते हुए, इसे सक्रिय रूप से मुद्दों में शामिल होना चाहिए और उन्हें हल करने का प्रयास करना चाहिए."
6 घंटे चली बैठक, 10 राज्यों के अधिकारियों ने दी प्रेजेंटेशन
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि बैठक का उद्देश्य आईबी के कामकाज का जायजा लेना था. साथ ही बैठक में यह भी बताया गया कि भविष्य में किन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जाना है. बताया जाता है कि शाह ने एजेंसी से सरकार की अपेक्षाओं पर प्रतिक्रिया और राय देते हुए छह घंटे के अंतराल में लगभग 10 राज्यों के अधिकारियों की प्रस्तुतियां सुनीं.
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "यह गृह मंत्री का प्रयास था कि राज्यों में तैनात सभी अधिकारियों को जानने और उनके दृष्टिकोण से मुद्दों को समझने का प्रयास किया जाए. उन्होंने जमीनी स्तर पर काम कर रहे अधिकारियों के साथ आंतरिक सुरक्षा पर सरकार के दृष्टिकोण को सीधे व्यक्त करने के अवसर का भी उपयोग किया."
गृह मंत्रालय ने क्या कहा?
बाद में जारी एक बयान में गृह मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई, जिसमें आतंकवाद, चरमपंथ, साइबर सुरक्षा, अंतरराज्यीय सीमा विवाद और सीमा पार के तत्व शामिल हैं. मंत्रालय ने बैठक में शाह के हवाले से कहा, "हमारी लड़ाई आतंकवाद के साथ-साथ उसकी समर्थन प्रणाली के खिलाफ है, जब तक हम उन दोनों के खिलाफ सख्ती से नहीं लड़ते, आतंकवाद पर जीत हासिल नहीं की जा सकती."
इन मुद्दों पर दिया अमित शाह ने जोर
बयान के अनुसार, शाह ने आतंकवाद से निपटने और राज्यों की नशीली दवाओं के खिलाफ एजेंसियों के बीच सूचना और संपर्क की प्रक्रिया को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. अमित शाह ने बैठक में कहा, "हमें देश की तटीय सुरक्षा को भी अभेद्य बनाना है और इसके लिए हमें सबसे छोटे और सबसे अलग बंदरगाह पर भी कड़ी नजर रखनी चाहिए ... हमें सीमा पार से ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए ड्रोन विरोधी तकनीक का अधिकतम उपयोग करना होगा."
Source: IOCL





















