कोरोना से लड़ना सिखाएगा कॉमिक बुक 'गो कोरोना गो' का सुपरहीरो
पेशे से पत्रकार अलका बरबेले से इस कॉमिक बुक को लिखा है. उनके मुताबिक, इस कॉमिक बुक में गोवा की सरकार ने दिलचस्पी दिखाई है. वहां की सरकार ने 200 कॉपी सैंपल के तौर पर मंगवाई है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकार से भी बातचीत चल रही है.

नई दिल्ली: कोरोना ने सभी का ज़िन्दगी जीने का तरीका बदल दिया है. लॉकडाउन के दौरान कई ऐसी चीज़े हमने सीखीं और समझी जिससे कभी किसी का सामना नहीं हुआ था. लॉकडाउन में एक बड़ा बदलाव था बच्चों के लिये जिनके स्कूल बंद हो गये और खेल कूद में व्यस्त रहने वाले बच्चे घर की चाहरदीवारी के अंदर कैद हो गये. बच्चों के इसी अनुभव, कोरोना को लेकर उनके डर और मन में बसे सवालों के जवाब के इर्दगिर्द घूमती है कॉमिक बुक 'गो कोरोना गो' की कहानी. दिल्ली में रहने वाली पेशे से पत्रकार अलका बरबेले ने इस कॉमिक बुक को लिखा है. इसकी कहानी का सुपरहीरो एक रोबॉट 'वीरा' है जो 5 बच्चों के साथ मिलकर कोरोना वायरस का खात्मा करता है.
देश की पहली कॉमिक बुक होगी जिसका सुपरहीरो कोरोना पर आधारित है
कॉमिक बुक की कहानी और किरदारों के बारे में बताते हुए अलका कहती हैं यह देश की पहली ऐसी कॉमिक बुक होगी जिसका सुपरहीरो कोरोना वायरस पर आधारित है और जो चाइल्ड मेंटल अवेयरनेस पर काम करेगी. हमारी कॉमिक बुक का सुपरहीरो है 'वीरा' जो 5 स्कूली बच्चों के साथ मिलकर पूरी दुनिया को कोरोना से बचाने निकलता है. इसका मुख्य किरदार एक बच्चा है जिसका नाम आदि है. उसके माता-पिता डॉक्टर और साइंटिस्ट है. आदि के पिता ने वीरा नाम का एक रोबॉट बनाकर उसे दिया और कहा कि जब कभी समय आएगा तो तुम्हें इसका उपयोग करना है. यह एक ऐसा रोबॉट है जिसमें सारी चीजें इनबिल्ट हैं. पहले बच्चे खाली समय में कॉमिक बुक पढ़ते थे तो उससे पढ़ने की आदत बनी हुई थी. लेकिन अब सोशल मीडिया मोबाइल टैब आने के बाद ये आदत खत्म हो चुकी है. इसलिए मेरा एक खास मकसद यह भी था कि जो बच्चे घरों में हो उनकी पढ़ने की आदत विकसित हो. साथ ही वह जागरूक हों और उनके मन में जो खौफ है वह इस कहानी का सुपर हीरो वीरा उनका दोस्त बनकर कम करेगा.

कहानियां सुनाते आया कॉमिक बुक लिखने का आइडिया
अलका का कहना है कि मैं लॉकडाउन में जॉब पर जाती थी. जब घर वापस आती थी तो सोसाइटी के बच्चे काफी डरे हुए रहते थे. दिल्ली में छोटे-छोटे घर हैं, बच्चों के पास खेलने के लिए जगह नहीं है वह बाहर नहीं जा सकते. बच्चों में से चिड़चिड़ाहट भी आ रही थी. बच्चों के कोरोना से जुड़े सवाल सुनकर मुझे लगा कि मुझे भी बच्चों के लिए कुछ करना चाहिए. मैं आस-पड़ोस के बच्चों को कभी कभी फिक्शनल सुपरहीरोज़ की कहानी सुनाती थी. उन कहानियों के जरिए ही मेरी कॉमिक बुक की कहानी तय हो गई थी. आस पड़ोस के बच्चों को कहानी सुनाते-सुनाते ही इस पूरी कहानी का प्लॉट विकसित हो गया था और 3 से 4 दिन में ही कहानी लिख दी थी. कहानी लिखने के बाद डिजाइनिंग के लिए कई लोगों से बात हुई. मुझे बहुत अच्छा रिस्पांस मिला, सारी चीजें तय होने में कैरीकेचर डिजाइन होने में 3 से 4 महीने का वक्त लग गया क्योंकि कैरेक्टर के हिसाब से कैरीकेचर डिजाइन होना बहुत मुश्किल काम है. लॉकडाउन के चलते सारी बातचीत भी फोन पर ही होती थी तो सब कुछ बहुत मुश्किल था.
चाइल्ड एडुकेशन और मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूक करती है ये कॉमिक
अलका के मुताबिक अभी जो परिस्थिति है पूरी दुनिया की उसमें अगर सबसे ज्यादा दबाव है किसी चीज का तो वह कोरोना का है. छोटे-छोटे बच्चे ज़्यादा जानते नहीं है कि कोरोना वायरस के बारे में लेकिन वह डरे हुए हैं. लॉकडाउन के दौरान हमारे सामने सबसे ज्यादा बड़ी जो समस्या आ खड़ी हुई थी वह थी बच्चों को कोरोना के लिए कर जागरूक करना. बड़े समझ रहे थे कि सोशल डिस्टेंसिंग क्या है, सैनिटाइजेशन क्या है. लेकिन बच्चों को इस बारे में समझाना होता है. मेरी यह पूरी किताब चाइल्ड एजुकेशन और बच्चों की मेंटल हेल्थ को लेकर है. बड़ों के लिए कई चीजें हैं उनके इंटरटेनमेंट के लिए लेकिन बच्चों की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. मेरा मुख्य मकसद है कि बच्चे इस कॉमिक को पढ़कर एंटरटेन भी और शिक्षित भी हों.
'गो कोरोना गो' कॉमिक बुक को यश पब्लिकेशन ने पब्लिश किया है. ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे ऐमेज़ॉन फ्लिपकार्ट पर इसका प्री ऑर्डर उपलब्ध है. अभी ऑनलाइन 500 ज़्यादा कॉपी की प्री-बुकिंग की जा चुकी है. रविवार से इसकी छपी हुई बुक भी दिल्ली में सभी बुक हाउस और रेलवे स्टेशन आदि पर उपलब्ध हो जाएगी. अलका के मुताबिक, गोवा सरकार ने इस कॉमिक बुक में काफी दिलचस्पी दिखाई है और 200 कॉपी अभी सैंपल आर्डर के तौर पर मंगाई है. इसके अलावा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार से भी बात चल रही है. उनका कहना है कि हमारी कोशिश है कि इस कॉमिक बुक को स्कूल एजुकेशन और मेंटल हेल्थ एजुकेशन के लिए सिलेबस के तौर पर बच्चों को पढ़ाया जाए.
Farmers Protest: 29 दिसंबर को किसान संगठन सरकार से बातचीत के लिए तैयार, रखी ये चार शर्तें
Source: IOCL





















