पश्चिम बंगाल: केबल के सहारे टिके चार लेन वाला ओवरब्रिज बनकर तैयार, 30 सितंबर को उद्घाटन करेंगे रेल मंत्री
ब्रिज की लंबाई 188.4 मीटर है वहीं चौड़ाई 7.5 मीटर है. इस ब्रिज को बनाने में 172 घरों और 30 बिल्डिंगों वाले निर्माण को हटाना पड़ा. इसके निर्माण 300 करोड़ रुपये खर्च हुए. 150 करोड़ राज्य सरकार और 150 करोड़ रुपये रेल मंत्रालय ने खर्च किया.

कोलकाता: रेलवे ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान रेलवे स्टेशन के अपने व्यस्त ट्रेन यार्ड के ऊपर शहर के दोनों हिस्सों को जोड़ने वाला एक अनोखा ओवरब्रिज बनाया है जो केबल के सहारे टिका है. खास बात ये है कि इस ब्रिज का निर्माण बेहद व्यस्त और रनिंग ट्रैफिक के दौरान ही किया गया है. साढ़े छः महीने (197 दिन) में बने इस ब्रिज के निर्माण के लिए एक भी दिन वहां के ट्रेन या रोड यातायात को नहीं रोका गया. ये ब्रिज एक ओर कालना-कटवा जीटी रोड से जुड़ा है और दूसरी ओर इसके दो अप्रोच आर्म हैं. यानी ये ब्रिज अत्याधुनिक तरीके से बना है.
मेक इन इंडिया
इस ब्रिज के लिए मजबूत केबल का निर्माण झारखंड की राजधानी रांची में फ्रेंच टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से हुआ है. रांची में उषा मार्टिन नाम की कम्पनी ने फ्रेंच कंपनी फ्रेस्सिनेट के सहयोग से इसे मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के अंतर्गत निर्मित किया है.
राज्य-रेलवे का साझा प्रोजेक्ट
इस ब्रिज की लम्बाई 188.4 मीटर है जबकि सामान्य चौड़ाई 7.5 मीटर है. आने और जाने के लिए दोनों तरफ़ दो-दो लेन बनाई गई हैं. पैदल यात्रियों के लिए दोनों तरफ़ 1.5 मीटर का फुटपाथ भी बनाया गया है. इस ओवरब्रिज के निर्माण में 300 करोड़ रुपये खर्च हुए जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार ने 150 करोड़ रुपये खर्च किए और शेष 150 करोड़ रुपये रेल मंत्रालय ने खर्च किया है.

ये चुनौतियाँ भी थीं ब्रिज को बनाने में
इस ब्रिज के निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि जिस बर्धमान रेलवे स्टेशन के यार्ड के ऊपर इसे बनाना था वह रेलवे का पूरी तरह इलेक्ट्रिफ़ाइड सेक्शन है. यहां बिजली के तारों के ऊपर ब्रिज बनना था. बर्धमान स्टेशन पर 8 प्लेटफ़ार्म और 10 ट्रैक हैं. राजधानी रूट होने की वजह से ये बेहद व्यस्त रहता है.
कुछ भी आड़े नहीं आया
इस ब्रिज को बनाने में 172 घरों, 30 बिल्डिंगों, और 300 स्थाई कब्जे वाले निर्माण को हटाना पड़ा. इसके साथ ही अस्पताल, स्कूल, बिजली और जल विभाग के कार्यालयों आदि को भी स्थानांतरित किया गया.

देश के निर्माण कार्यों के लिए मिसाल
रेलवे का दावा है कि ये ब्रिज रेलवे के व्यस्त स्टेशनों और उसके आस-पास यातायात नियंत्रण के क्षेत्र में तेजी से निर्माण के मामले में एक रोल माडल साबित होगा. “प्रधानमंत्री मोदी का निर्देश है कि योजनाएं अच्छी गुणवत्ता के साथ निर्धारित बजट के भीतर और समय से पूरी होनी चाहिए.” इस बात का ज़िक्र करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे सरकारी निर्माण कार्यों के कठिन लक्ष्यों को ‘विल डू, कैन डू’ की भावना से पूरा कर रहा है.
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