ED ने नागपुर के 483 करोड़ रुपये के मॉल को अपने कब्ज़े में लिया, जानें क्या है पूरा मामला
Nagpur News: प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच के दौरान पाया कि अपराध की रकम से नागपुर में कमर्शियल डायवर्ट भूमि पर लगभग 2,70,374 स्क्वायर फीट पर एक मॉल बनाया गया था.
Nagpur News: तायल ग्रुप ऑफ कंपनी द्वारा किए गए 584 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नागपुर स्थित इम्प्रेस मॉल को अपने कब्जे में ले लिया है. इस मॉल की कीमत 483 करोड़ रुपये बताई जाती है. ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की मुंबई स्थित बैंक सिक्योरिटी फ्रॉड सेल द्वारा दर्ज की गई तीन एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी.
इस मामले में आरोप था कि तायल ग्रुप की कंपनियों जय भारत टैक्सटाइल एंड रियल स्टेट लिमिटेड, केकेटीएल, ईके इंडिया लिमिटेड आदि ने साल 2008 में बैंक ऑफ इंडिया कथा आंध्र बैंक मुंबई को 574 करोड़ रुपये का चूना लगाया था. यह धोखाधड़ी लोन आदि के माध्यम से की गई थी.
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच के दौरान पाया कि अपराध की रकम से नागपुर में कमर्शियल डायवर्ट भूमि पर लगभग 2,70,374 स्क्वायर फीट पर एक मॉल बनाया गया था. इसका नाम इम्प्रेस मॉल रखा गया था. ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक आरंभिक जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस मॉल को आरंभिक तौर पर जब्त कर लिया था, जिसे बाद में सक्षम अधिकारी द्वारा सही बताया गया और प्रवर्तन निदेशालय के इस फैसले पर अथॉरिटी ने अपनी मोहर लगा दी, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस मॉल को भौतिक तौर पर अपने कब्जे में ले लिया है,
प्रवर्तन निदेशालय के आला अधिकारी के मुताबिक इस मामले में निदेशालय ने आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत के सामने आरोप पत्र भी पेश कर दिया है, जिस पर विशेष अदालत ने संज्ञान भी ले लिया है, आगे की जांच जारी है.
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