श्रीनगर हिंसा: गृह मंत्रालय की सलाह को ‘दरकिनार’ कर EC ने कराया उपचुनाव, राहुल गांधी ने बताया केंद्र की नाकामी

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने चुनाव कराने के लिए अनुकूल माहौल नहीं होने के गृह मंत्रालय की सलाह को नजरंदाज कर श्रीनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव करवाया जहां पर कल मतदान के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई. 10 मार्च को उपचुनावों के कार्यक्रम की घोषणा होने के तुरंत बाद गृह मंत्रालय ने सख्त शब्दों में चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा था कि श्रीनगर और अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव के संबंध में उसकी राय नहीं ली गयी.
गृह मंत्रालय ने कहा था कि कश्मीर घाटी में माहौल अनुकूल नहीं है और इसलिए मतदान देरी से होना चाहिए और अगले कुछ महीने बाद पंचायत चुनाव के होने पर इसे कराना ठीक रहेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हालांकि, चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय की सलाह को नजरंदाज किया और श्रीनगर और अनंतनाग सीटों पर उपचुनाव के अपरे कार्यक्रम पर कायम रहा. श्रीनगर में रविवार को मतदान हुआ जबकि अनंतनाग में बुधवार को उपचुनाव होगा.
कश्मीर में चुनावी हिंसा बीजेपी-पीडीपी गठबंधन और केंद्र की नाकामी: राहुल गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने श्रीनगर उप-चुनाव में मतदाताओं द्वारा बेहद कम संख्या में मतदान में हिस्सा लेने को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह राज्य की भारतीय जनता पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक की गठबंधन सरकार और केंद्र की कश्मीर नीति की 'नाकामी' को दर्शाता है. राहुल ने ट्वीट किया, "कश्मीर में दशकों की कठिन मेहनत के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति निर्मित विश्वास को बीजेपी सरकार ने तीन साल से भी कम समय में खत्म कर दिया." उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, "कश्मीर में रविवार को हुए उप-चुनाव राज्य की बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार और केंद्र की कश्मीर नीति की नाकामी को दर्शाता है."
कांग्रेस ने जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा है कि रविवार को श्रीनगर संसदीय सीट पर हुए उप-चुनाव के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से मतदान कराने में बीजेपी-पीडीपी की राज्य सरकार बुरी तरह असफल रही है. कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कहा, "बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन कश्मीरवासियों की इच्छा के विरुद्ध है. हमने हमेशा से इसे अपवित्र गठबंधन कहा है. अब यह साबित हो चुका है."
'लिटमस टेस्ट में फेल हो गई है बीजेपी-पीडीपी गठबंधन'
श्रीनगर संसदीय सीट पर रविवार को उप-चुनाव के लिए मतदान के दौरान भीड़ द्वारा मतदान केंद्रों पर किए गए हमलों के बाद सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में आठ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. यहां सिर्फ सात फीसदी मतदान दर्ज किया गया.
कांग्रेस सांसद ने कहा, "बीजेपी-पीडीपी गठबंधन लिटमस टेस्ट में फेल हो गई है. वे निष्पक्ष तरीके से मतदान संपन्न करवाने और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाने में असफल रहे हैं. मतदान में हिस्सा न लेकर राज्य के लोगों ने इस सरकार के प्रति 'अविश्वास' जाहिर किया है." उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार के पास कश्मीर पर कोई नीति है, तो वह नीति बुरी तरह असफल साबित हुई है.
चुनाव से पहले अनंतनाग पर मंडरा रही हिंसा की छाया
श्रीनगर में चुनाव के दिन हुई हिंसा में किशोरवय प्रदर्शनकारियों समेत आठ युवकों की मौत के बाद से कश्मीर घाटी में दबा उबाल और अशांति अनंतनाग में खुलकर सामने आने की आशंका है, जहां दो दिन बाद लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं.
श्रीनगर से अनंतनाग के बीच राजमार्ग पर असहज शांति है जबकि कस्बों और गांवों की गलियों में पथराव करने वाले प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष जारी है, वहीं लाउड स्पीकर पर आतंकवादियों के पहले से रिकॉर्ड किए गए भाषण बजाए जा रहे हैं जिनमें मतदाताओं से 12 अप्रैल को होने जा रहे उपचुनाव से दूरी बनाने को कहा जा रहा है.
घाटी में शांति की बहाली तक चुनाव टालने का अनुरोध
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच संषर्घ की आशंका बनी हुई है. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के भाई और सत्तारूढ़ पीडीपी के उम्मीदवार तसदुक मुफ्ती ने चुनाव आयोग से घाटी में शांति की बहाली तक चुनाव टालने का अनुरोध किया है. सुरक्षा बलों की तैनाती जारी है और उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र को अपने अधिकार में लेने की कवायद शुरू कर दी है, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शांतमनु ने कल इसे श्रीनगर से भी ‘‘बड़ी चुनौती’’ करार दिया.
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित पुलवामा जिले में गांववालों को मतदान नहीं करने की चेतनावी दी गई है. उन्होंने बताया कि विदेशी आतंकी कथित तौर पर सड़कों पर खुले घूम रहे हैं, धमकियां दे रहे हैं और फिर नजदीकी जंगलों में कहीं गुम हो जाते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने मतदान केंद्रों की संख्या कम करने का सुझाव दिया है ताकि मतदान के दौरान कड़ी और प्रभावी सुरक्षा मुहैया करवाई जा सके.
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Source: IOCL























