Dengue In West Bengal: पश्चिम बंगाल में डेंगू ने तोड़ा पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड, बुधवार को आए 600 से भी ज्यादा मामले
2011 में 508 लोग डेंगू से पॉजिटिव पाए गये थे लेकिन अब पश्चिम बंगाल में हर दिन 600 से ज्यादा मामले दर्ज किये जा रहे हैं. पीड़ितों ने सरकार पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया है.

Dengue Cases In West Bengal: पश्चिम बंगाल इन दिनों डेंगू की समस्या जूझ रहा है. वहां पर एक दिन में 600 से भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. बंगाल सरकार ने कोलकाता सहित राज्य के बाकी जिलों में डेंगू को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने को कहा है. राज्य में डेंगू के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 42,000 हो गई है. राज्य में 2017 के बाद इतने मामले दर्ज किये गये हैं.
सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने एक बैठक में डेंगू के बढ़ते आंकड़ों वाले जिलों के अधिकारियों से कहा कि वे सफाई अभियान के जरिए मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के प्रयासों को तेज करें, लारविसाइड का छिड़काव करें और मामले का पता लगाने के लिए परीक्षण को प्रोत्साहित करें.
इन जिलों में स्थिति बेहद खराब
वेस्ट बंगाल में कलकत्ता के अलावा उत्तर 24-परगना, मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी, हावड़ा और हुगली जैसे जिलों में स्थिति बेहद खराब है. पिछले 5 सालों में पश्चिम बंगाल में डेंगू के मामलों में भारी वृद्धि देखने को मिली. 2011 में 508 लोग डेंगू से पॉजिटिव पाए गये थे लेकिन अब हर दिन 700 से 800 लोग डेंगू से पॉजिटिव सामने आ रहे हैं.
डेंगू इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि सरकार, निगम और नगर पालिका को जो कदम उठाने चाहिए थे वो नहीं उठाए जा रहे हैं. मच्छरों का लार्वा बढ़ने के साथ ही मलेरिया भी बढ़ रहा है. अगर मच्छरों की आबादी कम करनी है तो और अधिक काम करने की जरूरत है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक विश्लेषण के अनुसार बंगाल में इस साल बुधवार तक 42,666 डेंगू के मामले सामने आए थे अगर पिछले दो दिनों के आंकड़ों को जोड़ा जाए तो यह आंकड़ा लगभग 44,000 होने की संभावना है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
राज्य में डेंगू के बारे में जानकारी रखने वाले फुआद हलीम ने आगे बताया की "नागरिक और स्वच्छता कार्य हर साल किया जाना चाहिए. अगर कोई यह सोचता है कि डेंगू और मलेरिया के समय वह जाकर सफाई का काम करेगा तो डेंगू कम हो जाएगा, तो ऐसा नहीं है. आज हम सरकार के स्वास्थ्य और स्वच्छता उपायों की विफलता के कारण ऐसी स्थिति में हैं.
डेंगू से कैसे निपटा यूरोप?
ग्रीस, फ्रांस, इटली, पुर्तगाल, दक्षिण स्पेन, जैसे भूमध्यसागरीय देशों ने कई लाभदायक उपायों से डेंगू को कम किया है जैसे कि स्थिर या संचित पानी को कम करना, जल निकासी व्यवस्था को कवर करना. देश के लोगों का घर में कहीं भी पानी जमा नहीं होने देना चाहिए.
2017 में कितने थे डेंगू के मामले?
2017 में डेंगू के 19,518 मामले थे.
2018 में यह संख्या 16,856 थी.
2019 में डेंगू की 39,357 थी.
2020 में 2,558 थे डेंगू के कुल मामले
2021 में 2,875 थे कुल मामले
क्या कह रहे हैं डेंगू के मरीज?
डेंगू से पीड़ित एक मरीज मीना अग्रवाल ने कहा कि हमको सर में दर्द हो रहा है, फीवर है हो सकता है कि मलेरिया हो. मच्छर चारों तरफ फैले हुए हैं और कॉरपोरेशन वाले कुछ कर नहीं रहे. उसकी वजह से मन में मलेरिया का डर है और हम लोग अपना प्रीकॉशन ले रहे हैं.
एक अन्य मरीज अनिल अग्रवाल ने बताया कि मम्मी को दो हफ्ते पहले प्रीलिमिनरी डिटेक्ट हुआ है तो अभी वो अस्पताल में एक हफ्ते से भर्ती थीं. वो अभी घर में ही हैं और ठीक हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी वह पूरी तरह बैठ नहीं पा रही हैं और उनकी सब तरह की दवाएं चल रही हैं.
क्या कह रहे हैं मेयर?
कोलकाता नगर निगम के मेयर-इन-काउंसिल देबाशीष कुमार का कहना है कि डेंगू इस बार एक बड़ी चिंता का कारक है क्योंकि 4500 से अधिक मामले सामने आये हैं जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है. उन्होंने कहा कि नगर निगम डेंगू से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है.
'हो रहा है राजनीतिक विरोध'
देबाशीष कुमार ने कहा कि नगर निगम का जो विरोध हो रहा है वह राजनीतिक विरोध है. हम घर -घर जाकर स्प्रे कर रहे हैं. सबूत के तौर पर हमारे पास लोगों के सिग्नेचर रिकॉर्ड हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक होना होगा और अगर किसी को बुखार है तो वह तुरंत कोलकाता निगम के स्वास्थ्य विभाग से जाकर ब्लड टेस्ट कराएं. साथ ही जमा हुआ पानी कहीं भी मौजूद हो तो उसे हटा देना चाहिए.
रविवार को वेक्टर जनित बीमारी के 642 ताजा मामले सामने आए. इसके साथ ही राज्य में डेंगू के कुल मामलों की संख्या 50,000 से अधिक हो गई. लोगों ने कोलकाता नगर निगम पर लापरवाही का इंतजाम लगाया है. एक व्यक्ति आनंद अग्रवाल ने बताया है कि हमको तो कॉरपोरेशन का ही फॉल्ट लगता है. देबाशीष कुमार की माने तो हर वार्ड में एक वेक्टर कंट्रोल टीम और विजिलेंस की एक टीम और एक रैपिड एक्शन फोर्स टीम को तैनात किया गया है और वह अपना काम कर रही है.
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Source: IOCL
























