अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना: दिल्ली में राजस्थान के ट्रक का कटा 2 लाख 500 का चालान
इससे पहले दिल्ली में ही ओवरलोडिंग के जुर्म में एक ट्रक 1.41 लाख रुपये का चालान काटा गया था. जब से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ है तब से भारी भरकम चालान की खबरें सामने आ रही हैं.

नई दिल्ली: नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद से भारी भरकम चालान की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. अब दिल्ली के मुकरबा चौक पर एक ट्रक ड्राइवर को ओवरलोडिंग की वजह से दो लाख से ज्यादा का चालान काटा गया है. ट्रक ड्राइवर को कुल दो लाख पांच सौ रुपये का चालान काटा गया है.
इससे पहले दिल्ली में राजस्थान के एक ट्रक को ओवरलोडिंग के जुर्म में 1.41 लाख रुपए का चालान किया गया था. वहीं दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक स्कूटी चालक को 23 हजार रुपये का चालान कटा था. ये मामला सुर्खियों में रहा था. जिस शख्स का चालान कटा था उसने कहा था कि उसकी स्कूटी ही 15 हजार रुपये की है.
ओवरलोडिंग के कारण दिल्ली में ट्रक का कटा 1.41 लाख का चालान
Delhi: A truck driver challaned Rs 2,00,500 for overloading, near Mukarba Chowk. pic.twitter.com/A4xk2uG1jK
— ANI (@ANI) September 12, 2019
दअसल मोटर व्हीकल एक्ट जबसे लागू हुआ है तबसे ही इसको लेकर बहस जारी है. बीजेपी शासित राज्यों समेत कई राज्य सरकारों ने इस कानून को लागू करने से इनकार कर दिया या फिर जुर्माने की राशि आधी कर दी. एक देश एक विधान की बात करने वाली बीजेपी की प्रचंड बहुमत वाली सरकार अपनी ही राज्य सरकारों से केंद्र द्वारा पारित कानून लागू नहीं करवा पाई है.
मोटर व्हीकल एक्ट जिन राज्यो ने लागू किया है वो भी अब चालान की रकम को कम करने पर विचार कर रहे हैं. पहले पीएम मोदी का गृहप्रदेश गुजरात और बाद में कई अन्य राज्यों ने चालान कम कर दिया है. ऐसे में आइए जानते हैं किन राज्यों ने अब तक नए कानून को लागू नहीं किया. साथ ही यह भी जानते हैं कि किन राज्यों ने इसे पूरी तरह से लागू कर दिया है और किन राज्यों ने फाइन की रकम को कम कर किया है.
जिन राज्यों अभी तक लागू नहीं
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा (बीजेपी शासित), महाराष्ट्र (बीजेपी शासित), पंजाब, त्रिपुरा (बीजेपी शासित).
जिन राज्यों में पूरी तरीके से लागू
दिल्ली, बिहार, हरियाणा, अंण्डमान, दादर नगर हवेली, चंडीगढ़, पुंडूचेरी, जम्मू एवं कश्मीर, केरल, झारखण्ड, हिमाचल प्रदेश, असम.
यह भी देखें
Source: IOCL























