जहांगीरपुरी हिंसा का क्या है बंगाल कनेक्शन? असलम के मिदनापुर वाले घर पहुंची दिल्ली पुलिस
असलम के परिवार के जो सदस्य वहां पर रह रहे हैं उनके पास दिल्ली का आधार कार्ड है. इसके साथ ही अलग-अलग पते से बने हुए वोटर आईडी कार्ड है. इन सभी की पुलिस की तरफ से पड़ताल की जा रही है.
Jahangirpuri Clash: दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस असलम के पश्चिम बंगाल वाले उसके पुश्तैनी घर पहुंच गई है. मिदनापुर के कंचनपुर पहुंची दिल्ली पुलिस की तरफ से असलम के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है. इसकी वजह डॉक्यूमेंटस से संबंधित मानी जा रही है. असलम के परिवार के जो सदस्य वहां पर रह रहे हैं उनके पास दिल्ली का आधार कार्ड है. इसके साथ ही अलग-अलग पते से बने हुए वोटर आईडी कार्ड है. इन सभी की पुलिस की तरफ से पड़ताल की जा रही है.
आरोप है कि अंसार के साथी असलम ने गोली चलाई थी. उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि 15 तारीख को अंसार और असलम को पता लग गया था कि एक यात्रा निकलने वाली है. इसके बाद इन लोगों ने साजिश रची थी. पुलिस के मुताबिक असलम ने एक गोली भी चलाई थी, जो एक सब-इंस्पेक्टर को लगी. उसके पास से पिस्टल बरामद कर ली गई है. उसे भी पुलिस कस्टडी में भेजा जा चुका है.
पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक असलम को जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन में 2020 में धारा 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 506 (आपराधिक धमकी) और भारतीय दंड संहिता की धारा 34 (सामान्य इरादे) के तहत दर्ज मामले में भी शामिल पाया गया है.
भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने आम आदमी पार्टी पर बुधवार को निशाना साधा और कहा कि वह जहांगीरपुरी में ‘‘अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के’’ निर्माण को ढहाने के अभियान पर ‘‘बेचैन’’ हो रही है, जिन्हें उसने मुफ्त योजनाओं का लाभ दिया है. आप के नेताओं ने भाजपा की उस वक्त तीखी आलोचना की जब पार्टी शासित उत्तर दिल्ली नगर निगम ने जहांगीरपुरी में मकानों को गिराने का अभियान शुरू किया। बाद में इस पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल ‘‘दंगाइयों के अतिक्रमण को हटाये जाने को राजनीतिक रंग दे रहे हैं.’’ गुप्ता ने कहा, ‘‘रोहिग्या और बांग्लादेशियों को संरक्षण दे रही आप इस बात पर बेचैन है कि उनके अतिक्रमण को हटाया जा रहा है. ममता बनर्जी रोहिग्याओं और बांग्लादेशियों को भारत आने दे रहीं है वहीं केजरीवाल उन्हें शरण दे रहे हैं.’’
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