Liquor Policy Case: अजय माकन का दावा- आबकारी नीति से मिले पैसे का गोवा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए हुआ इस्तेमाल, सीएम केजरीवाल...
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली की आबकारी नीति केस को लेकर कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है.
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली की आबकारी नीति मामले को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है. पार्टी ने शनिवार (4 फरवरी) को दावा किया कि आप (AAP) ने शराब नीति के पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव में कांग्रेस को हराने को लिए किया.
कांग्रेस के नेता अजय माकन ने दावा किया, ''शराब घोटाले में कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई है. इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल की बिजनेसमैन से बात कराई गई. फिर होलसेल डीलर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 फीसदी कमीशन दी गई. इसमें शर्त रखी गई कि 6 परसेंट आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को दिया जाएगा.'' उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि आबकारी नीति से मिले 100 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ किया गया. ईडी की चार्जशीट में ये साबित हो गया कि 70 लाख आप वॉलंटियर को दिया गया. ऐसे में केजरीवाल को सीएम के पद पह रहने का नैतिक अधिकार नहीं है.
क्या मामला है?
ईडी ने चार्जशीट में दावा किया है कि आबकारी नीति में कथित रूप से ली गई 100 करोड़ रुपये की ‘‘रिश्वत’’ के एक हिस्से का इस्तेमाल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में आप के चुनाव प्रचार के लिए किया गया. इसमें से 70 लाख रुपये का नकद भुगतान उन पार्टी के वॉलंटियर को किया गया जो कि सर्वे टीम का हिस्सा थे.
दिल्ली शराब घोटाले में कम से कम 100 करोड़ की घूस ली गई है।
— Congress (@INCIndia) February 4, 2023
घूस के पैसों का इस्तेमाल केजरीवाल ने गोवा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए किया।
केजरीवाल को कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि वह CM पद पर बने रहें।
: @ajaymaken जी pic.twitter.com/cFJmko7KNx
साथ ही जांच एजेंसी ने छह जनवरी को एक स्पेशल कोर्ट में दायर अपने आरोपपत्र में यह भी आरोप लगाया था कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया उन लोगों में शामिल थे, जो अपनी पहचान छिपाने के लिए 'दूसरे व्यक्ति के नाम से खरीदे गए' मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चार्जशीट के दावों को फिक्शन बताते हुए कहा था कि कितने लोगों को सजा सुनाई गई है? ईडी के दर्ज किए गए सभी मामले फर्जी हैं और उनका उपयोग सरकारों को गिराने या उन्हें बनाने के लिए किया जाता है. ईडी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए केस दर्ज नहीं करता. वे ऐसा विधायकों को खरीदने, सरकारों को गिराने के लिए करते हैं.
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