एक्सप्लोरर

Lal Quila Violence: जानें- उस लाल किले का गौरवशाली इतिहास जहां किसान आंदोलन के दौरान जमकर मचा उत्पात

दिल्ली पुलिस कल हुई हिंसा के आरोपियों की पहचान करने में तेजी से जुट गई है. लालकिले की प्राचीर पर चढ़ने वालों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुचाने वालों उपद्रवियों की मोबाइल क्लिप और सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के पास मौजूद है. देश के प्रतीक के तौर पर जानें जाना वाला दिल्ली का लाल किला क्यों है खास, और कैसे की गई इस महान इमारत की तामीर?

राजधानी दिल्ली में किसान परेड के दौरान हिंसा के दौरान देश की शान लाल किले में भी जमकर उपद्रव हुआ. कल हुड़दंगियों ने राष्ट्रीय स्मारक लाल किले पर जो किया वो एक देश को शर्मसार करने वाला है. तिरंगे वाली जगह पर हुड़दंगियों ने चढ़कर एक निशान साहिब का झंडा फहरा दिया. लाल किले में जिन सीढ़ियों से चढ़कर प्रधानमंत्री झंडा फहराने जाते हैं उन सीढ़ियों पर हुड़दंगियों का कब्जा कर लिया. सुरक्षा को कुचलते हुए बवाली लाल किले के अंदर दाखिल हो गए. जिसे जिधर से रास्ता मिला वो उधर से ही लाल किले पर चढ़ाई करने लगा.

लाल किले पर जो कुछ भी हुआ उसे लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. लाल किले पर जो कुछ हुआ ये क्या महज संयोग कहा जा सकता है? क्या हजारों की भीड़ आकर ऐसे ही किसी राष्ट्रीय स्मारक पर चढ़कर देश की इज्जत तार तार कर सकती है? लाल किले पर अराजकता से ना सिर्फ पूरा देश शर्मिंदा है बल्कि इसने किसान आंदोलन को लेकर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

लाल किले के अंदर क्या-क्या चीजें मौजूद हैं और कैसे इस इमारत की ताबीर की गई इसके पीछे एक खास इतिहास है. आइए जानते हैं इस जानते हैं भारत का प्रतीक माने जाने वाले लाल किले की कहानी के बारे में...

लाल किले का इतिहास सन् 1638 में मुगल बाहशाह शाहजहां ने अपने साम्राज्य की राजधानी आगरा से दिल्ली में एक नए तरह से बसाए गए इलाके में स्थापित की, जिसे शाहजहानाबाद नाम दिया गया. आज यह इलाका पुरानी दिल्ली के आस-पास मौजूद है. इस नए इलाके के निर्माण के साथ बादशाह ने अपने महल, लाल किले की नींव रखी. लाल बलुआ पत्थर की दीवारों से बनाए इस गढ़ को पूरा होने में लगभग एक दशक लगे. इसे आगरा के किले से बेहतर कारीगरी का नमूना माना जाता है, क्योंकि शाहजहां ने इसे आगारा में बनाए गए अपने किले के अनुभव के आधार पर इस भव्य किले का निर्माण कराया था. यह किला लगभग 200 वर्षों तक मुगलिया सल्तनत की पहचना बना रहा जब तक कि यह अंग्रेजों के हाथों में नहीं आ गया था. अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का 1837 में यहां राज्याभिषेक हुआ था. अंग्रेजों के कब्जे में आने बाद मुगलिया सल्तनत की शान फीकी पड़ गई और उस दौरान कहा जाता था कि मुगल बादशाह की बादशाही इस किले की ड्योढ़ी के पार नहीं है.

Lal Quila Violence: जानें- उस लाल किले का गौरवशाली इतिहास जहां किसान आंदोलन के दौरान जमकर मचा उत्पात

 लाल किले का स्केच

आर्किटेक्चर लाल किला की वास्तुकला उस सांस्कृतिक जुड़ाव का एक शानदार नमूना है जिसे हम भारतीय-मुगल कलाकारी कहते हैं. यह वास्तुकला मुगल शैली की उस तत्वों को अपने अंदर में समेटती है जो पहले मुगल बादशाह बाबर के साथ शुरू हुई थी, जिसमें फ़ारसी, तैमूरी और हिंदू परंपराएं शामिल हैं.

Lal Quila Violence: जानें- उस लाल किले का गौरवशाली इतिहास जहां किसान आंदोलन के दौरान जमकर मचा उत्पात

 दीवान-ए-आम

अधिकांश मुगल किलों की तरह इस किले को दो खास हिस्से हैं - दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास. दीवान-ए-आम के प्रवेश द्वार में नौबत-खाना जहां संगीतकारों मौजूदगी होती थी और समारोहों के दौरान संगीत बजाए जाते थे, इस जगह पर नौ मेहराबें हैं. इस हॉल में एक शानदार नक्काशी से तैयार किया हुआ एक है स्थान जहां शाही सिंहासन रखा जाता था. जहां बादशाह आम लोगों से मुखातिब होते थे.

वहीं दीवान-ए-खास जहां निजी दरबारी की बैठकी हुआ करती थी. यहां शाहजहां का मूयर सिंहासन हुआ करता था, जिसे फारस से आए आक्रांता नादिर शाह अपने साथ ले गया.

Lal Quila Violence: जानें- उस लाल किले का गौरवशाली इतिहास जहां किसान आंदोलन के दौरान जमकर मचा उत्पात

दीवान-ए-खास

लाल किले के अन्य स्थानों में रंग महल जो सुंदर रंगों से बनाया गया है. इसके अलावा मुमताज़ महल भी है जिसे अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है. लाल किले के परिसर में एक ख़ास महल जो एक शयन कक्ष है जिसे तसबिह खाना, ख्वाबगाह या तोश खाना भी कहा जाता है.

Lal Quila Violence: जानें- उस लाल किले का गौरवशाली इतिहास जहां किसान आंदोलन के दौरान जमकर मचा उत्पात

 खास महल

हमाम, दीवान-ए-ख़ास के उत्तर में स्थित सजावटी नहाने का स्थान भी बनाया गया. मुगल वास्तुकला अपने सुंदर बागों के लिए मशहूर है, लाल किले में हयात-बक्श-बाग है जिसे जिंदगी देने वाला बाग भी कहा जाता है.

लाल किला परिसर आज के दौर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है, यह विभाग इस किले की देख-रेख और प्रबंधन का कार्य करता है. भारत के लिए एक सम्मान की बात यह भी है कि लाल किले 2007 में यूनेस्को की तरफ से विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था.

यह भी पढ़ें- abp न्यूज़ से बातचीत में किसानों का खुलासा, दीप सिद्धू-लक्खा सिधाना के कहने पर लाल किला पहुंचे थे हिंसा के बाद राकेश टिकैत का वीडियो वायरल, किसानों से कहा था- 'सरकार कैड़ी हो गई, डंडा-झंडा साथ लाना'
और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

NEET UGC Paper Leak Row: ‘रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने का दावा करते हैं लेकिन पेपर लीक नहीं रोक पा रहे’, राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर यूं कसा तंज
‘रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने का दावा करते हैं लेकिन पेपर लीक नहीं रोक पा रहे’, राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर यूं कसा तंज
बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण रद्द होने पर तेजस्वी यादव की पहली प्रतिक्रिया, कहा- 'BJP के लोग...'
65 प्रतिशत आरक्षण रद्द होने पर तेजस्वी की पहली प्रतिक्रिया, कहा- 'BJP के लोग...'
क्या छगन भुजबल फिर से साथ आएंगे? शरद पवार ने दिया बड़ा बयान, 'वह और मैं...'
क्या छगन भुजबल फिर से साथ आएंगे? शरद पवार ने दिया बड़ा बयान, 'वह और मैं...'
Zodiac Sign: इन 3 राशि वालों में होती है धैर्य की कमी, जल्दबाजी से बिगाड़ लेते हैं सारा काम
इन 3 राशि वालों में होती है धैर्य की कमी, जल्दबाजी से बिगाड़ लेते हैं सारा काम
Advertisement
metaverse

वीडियोज

Yoga Day से पहले ABP News पर Swami Ramdev ExclusiveNEET Exam Controversy: Dharmendra Pradhan के घर के बाहर छात्रों का जोरदार प्रदर्शन ! | ABP NewsNEET Paper Leak: NEET और UGC NET पर शिक्षा मंत्रालय की ब्रीफ्रिंग | ABP News |Aaj Ka Rashifal 21 June 2024: इन राशिवालों के घर में मां लक्ष्मी लगा देंगी पैसों का अंबार

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
NEET UGC Paper Leak Row: ‘रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने का दावा करते हैं लेकिन पेपर लीक नहीं रोक पा रहे’, राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर यूं कसा तंज
‘रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने का दावा करते हैं लेकिन पेपर लीक नहीं रोक पा रहे’, राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर यूं कसा तंज
बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण रद्द होने पर तेजस्वी यादव की पहली प्रतिक्रिया, कहा- 'BJP के लोग...'
65 प्रतिशत आरक्षण रद्द होने पर तेजस्वी की पहली प्रतिक्रिया, कहा- 'BJP के लोग...'
क्या छगन भुजबल फिर से साथ आएंगे? शरद पवार ने दिया बड़ा बयान, 'वह और मैं...'
क्या छगन भुजबल फिर से साथ आएंगे? शरद पवार ने दिया बड़ा बयान, 'वह और मैं...'
Zodiac Sign: इन 3 राशि वालों में होती है धैर्य की कमी, जल्दबाजी से बिगाड़ लेते हैं सारा काम
इन 3 राशि वालों में होती है धैर्य की कमी, जल्दबाजी से बिगाड़ लेते हैं सारा काम
नोएडा में प्रचंड गर्मी से हाहाकार, तीन दिनों के अंदर 75 शव पहुंचे पोस्टमार्टम हाउस
नोएडा में प्रचंड गर्मी से हाहाकार, तीन दिनों के अंदर 75 शव पहुंचे पोस्टमार्टम हाउस
Nupur Sharma: नूपुर शर्मा को मिली धमकी, कहा- 'पूजा करने वाले गजनवी का सामना करने के लिए तैयार रहो'
नूपुर शर्मा को मिली धमकी, कहा- 'पूजा करने वाले गजनवी का सामना करने के लिए तैयार रहो'
International Yoga Day 2024: योग करने के बाद क्या खा सकते हैं और क्या नहीं, देख लीजिए पूरी लिस्ट
योग करने के बाद क्या खा सकते हैं और क्या नहीं, देख लीजिए पूरी लिस्ट
उत्तराखंड में जमीन खरीदने वालों को लेकर सख्त हैं CM धामी, बाहरी व्यक्तियों की होगी जांच
उत्तराखंड में जमीन खरीदने वालों को लेकर सख्त हैं CM धामी, बाहरी व्यक्तियों की होगी जांच
Embed widget