दिल्ली में बढ़ते कोविड केस ने बढ़ाया बायोमेडिकल वेस्ट, और तेजी से संक्रमण फैला सकता है ये कचरा
दिल्ली कोरोना मामलो से तो जूझ ही रहा हैै तो वहीं अब बायोमेडिकल कचरे की भारी वृद्धि का भी सामना कर रहा है. दिल्ली में पिछले साल 7.2 टन का कचरा प्रतिदिन जमा हो रहा था जो अब करीब 12.5 से 13 टन तक जा पहुंचा है.
दिल्ली में कोरोना का कहर बरपाया हुआ है. प्रतिदिन आंकड़ा रिकोर्ड बनाते हुए दिखाई दे रहा है तो वहीं अब दिल्ली बायोमेडिकल कचरे की भारी वृद्धि का भी सामना कर रहा है. दरअसल, बायोटिक वेस्ट मैनेजमेंट के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल 7.2 टन का कचरा प्रतिदिन जमा हो रहा था जो अब करीब 12.5 से 13 टन तक जा पहुंचा है.
बायोटिक वेस्ट मैनेजमेंट के प्रवक्ता विकास गहलोत ने बताया कि, हमारे पास 34 टन प्रतिदिन कचरा जमा करने की कैपेसिटी है. अगर इसी तरह कोरोना के मामलों में इजाफा होता रहा तो हम इस क्षमता तक जरूर पहुंच जाएंगे.
कुल मात्रा के तौर पर बीते साल के मुताबिक इस साल मात्रा बेहतर- विकास गहलोत
प्रवक्ता विकास गहलोत ने आगे कहा, ये पहली बार हुआ है कि हम इस कचरे की मात्रा को लेकर चिंतित हैं पर कुल मात्रा की बात की जाए तो बीते साल के मुताबिक इस साल मात्रा बेहतर है. इसका मुख्य कारण कोरोना गाइडलाइंस को बताया जा सकता है या फूड वेस्ट और जनरल वेस्ट इसमें शामिल ना होना एक और कारण हो सकता है.
तीन नगर निगम द्वारा शेयर किए डाटा के मुताबिक, मार्च महीने में 700 किलो बायो मेडिकल वेस्ट जमा हुआ था जो वहीं अप्रैल महीने में 3 टन तक जा पहुंचा. पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने अप्रैल में 748.28 किलोग्राम कचरे को इकट्ठा किया था जबकि मार्च में यह 170.8 किलोग्राम था. वहीं, अप्रैल महीने मे मामले जब चरम पर जा पहुंचे तो उत्तर नागरिक निकाय ने अप्रैल में 2,776 किलोग्राम बायोमेडिकल कचरा जमा किया. जिसमें 23 से 29 अप्रैल के बीच 959.1 किलो कचरा जमा हुआ. वहीं, दक्षिणी दिल्ली में 23 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच बायोमेडिकल कचरे का मात्रा 291.7 किलोग्राम जा पहुंची.
कचरा संक्रमण को और तेजी से फैला सकता है- संजय गहलोत
दिल्ली सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय गहलोत ने कहा कि मास्क, दस्ताने और अन्य बायोमेडिकल कचरे को शहर के चारों ओर लापरवाही से डाला जा रहा है. गहलोत ने कहा, "इन दिनों बढ़ते मामलों के साथ ये बाहर फेंका जा रहा कचरा संक्रमण के और तेजी से फैलने का कारण बन सकते हैं."
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