'सांसदों से वसूलो, सैलरी से की जाए भरपाई', लोकसभा में 37 घंटे चर्चा से खफा इस MP ने कर दी बड़ी मांग
Umesh Patel Demand MP Salary Deduction: उमेश पटेल ने MPs के वेतन में कटौती की मांग को लेकर संसद परिसर में प्रोटेस्ट किया. अधिकांश विधेयक बिना चर्चा के पास हुए, केवल दो को आगे समीक्षा के लिए भेजा गया.

लोकसभा में चर्चा के लिए 120 घंटे तय थे, लेकिन केवल 37 घंटे ही चर्चा हो सकी. इसमें बड़ा हिस्सा ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का रहा. अधिकांश समय हंगामे में बीता, जिससे विधेयक बिना पर्याप्त चर्चा के पारित किए गए. सदन की कार्यवाही को देखते हुए दमन और दीव से निर्दलीय सांसद ने ऐसी मांग की है जिससे वह सुर्खियों में हैं.
दरअसल, केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव के निर्दलीय सांसद उमेश पटेल ने बैनर लेकर संसद भवन परिसर में प्रोटेस्ट किया. उन्होंने कहा कि सदन न चलने पर सांसदों का वेतन और अन्य लाभ रोके जाएं.
क्या कहा उमेश पटेल ने?
उमेश पटेल ने कहा कि अगर सदन की कार्यवाही नहीं होती है, तो इसके खर्च का पैसा सांसदों की सैलरी से काटा जाना चाहिए. उमेश पटेल बैनर लेकर पहुंचे थे, जिस पर लिखा था - "माफी मांगो, सत्ता पक्ष और विपक्ष माफी मांगो". उन्होंने सरकार से मांग की कि सदन न चलने पर सांसदों को वेतन और अन्य लाभ न मिलें. उन्होंने यह भी कहा कि इस सत्र में सदन पर जो खर्च हुआ, वह सांसदों की जेब से वसूल किया जाना चाहिए, क्योंकि जब सदन ही नहीं चला, तो जनता क्यों इस खर्च का भुगतान करे.
आज हमने संसद के मकर द्वार पर मानसून सत्र की समाप्ति बिना जरूरी चर्चा के होने पर विरोध प्रदर्शन किया.
— Patel Umeshbhai Babubhai (@umeshbpatel78) August 21, 2025
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पहले भी ऐसी मांग उठा चुके हैं उमेश
लगभग दो हफ्ते पहले भी उमेश पटेल ने ऐसी ही मांग उठाई थी. उन्होंने कहा था- अगर सदन नहीं चलता है, तो सांसदों को भत्ता भी नहीं मिलना चाहिए. उनका कहना था कि सांसदों को भत्ता तो मिलता है, लेकिन जनता के काम नहीं हो पाते. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता और विपक्ष दोनों की इगो के कारण सदन नहीं चलने दिया जा रहा है, जबकि विपक्षी दल सरकार को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
मानसून सत्र हंगामे की भेंट, बिना चर्चा के पारित हुए ज्यादातर बिल
संसद का मानसून सत्र ज्यादातर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया. लगातार गतिरोध के चलते कई महत्वपूर्ण विधेयक बिना पर्याप्त चर्चा के ही पारित कर दिए गए. तय समय का बड़ा हिस्सा विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव में निकल गया. लोकसभा में इस दौरान कुल 14 विधेयक पेश हुए, जिनमें से 12 पारित किए गए. इनमें से अधिकतर बिल बिना चर्चा के ही पास हो गए. एक विधेयक को सिलेक्ट कमेटी और एक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया. इनमें 130वां संशोधन विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक शामिल थे. इसी विधेयक की प्रति विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में फाड़कर गृहमंत्री अमित शाह की ओर फेंक दी थी.
Source: IOCL























