रॉबर्ट वाड्रा को लेकर राजनीति गर्म: कांग्रेस ने किया बीजेपी पर पलटवार, कहा- 'फर्जी केस में फंसाया'
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने बयान जारी कर बीजेपी पर हमला बोला है, कांग्रेस का कहना है कि असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी विरोधियों को फर्जी केस में फंसा रही है.

नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा को लेकर राजनीति एक बार फिर गर्म है. रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जमीन घोटाले के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है, कांग्रेस का आरोप है कि 2019 के चुनाव से पहले बीजेपी रॉबर्ट वाड्रा को फंसाने की साजिश कर रही है वहीं बीजेपी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बता रही है. वहीं कांग्रेस बैकफुट पर जाने की बजाय उल्टे बीजेपी से पूछ रही है कि चुनावों के मौसम में कहीं ये लोगों का ध्यान बांटने की कोशिश तो नहीं है.
कल रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था कि चुनावी मौसम में तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इतने पुराने मुद्दे को बीजेपी दोबारा उठा रही है. वाड्रा की लाइन पर ही कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोल दिया, कांग्रेस नेताओं का साफ कहना था कि बीजेपी बदले की राजनीति कर रही है और ये सब 2019 चुनाव के लिए किया जा रहा है, वहीं बीजेपी का कहना है इसमें बदले वाला कोई एंगल नहीं है.
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने बयान जारी कर बीजेपी पर हमला बोला है, कांग्रेस का कहना है कि असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी विरोधियों को फर्जी केस में फंसा रही है.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि चार राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और 2019 के चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं मोदी सरकार की फेक न्यूज फैक्ट्री और डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट प्रोपगैंडा फैलाने में जुट गया है. राफेल डील, नोटबंदी घोटाला, पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ाकर 12 लाख करोड़ की लूट, हर साल दो करोड़ रोजगार, रूपये की घटती कीमत पर से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सरकार झूठ फैला रही है और विरोधियों पर फर्जी केस कर रही है.
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटलिटी ने 28 जनवरी 2008 को स्टांप ड्यूटी मिलाकर 7 करोड़ 95 लाख रुपये में खरीदी. सरकार की नीति के हिसाब से 15 दिसंबर 2008 को ढाई एकड़ जमीन के लिए कॉमर्शियल लाइसेंस दिया गया. कॉमर्शियल लाइसेंस के लिए सात करोड़ 43 लाख और रिन्यू करने की 73 लाख फीस भी दी गई. इस तरह जमीन के लिए 16 करोड़ 11 लाख रुपये का कुल भुगतान किया गया. 5 साल के बाद स्काइलाइट ने 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ को जमीन बेच दी. इस पर रॉबर्ट वाड्रा ने 8 करोड़ रुपये टैक्स भी चुकाए. साफ है 58 करोड़ रुपये में जो जमीन बेची गई उसके लिए कुल 24 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
जब जमीन बेची गई उस वक्त तक जमीन का कॉमर्शियल लाइसेंस मौजूद था इसलिए सभी आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं. हरियाणा में बीजेपी सहित सभी सरकारों ने 33 हजार 697 एकड़ से ज्यादी जमीन के लिए लाइसेंस जारी किए हैं. अब ढाई एकड़ की जमीन के लाइसेंस के लिए बीजेपी और खट्टर की सरकार वाड्रा और भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है. खुद खट्टर सरकार ने कुछ हजार एकड़ जमीन के लैंड यूज चेंज करने के लाइसेंस दिए हैं. अगर लाइसेंस देना गलत है जैसा की एफआईआर में आरोप लगाया गया है तो क्या मनोहर लाल खट्टर पर भी केस दर्ज होना चाहिए?
वहीं कांग्रेस के एक और नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि जहां तक रॉबर्ट वाड्रा का सवाल है वो तो हमें मालूम था कि जैसे-जैसे 2019 करीब आएगा वैसे वैसे केस बढ़ते जाएंगे. वहीं कांग्रेस के नेता टॉम वड़क्कन ने कहा है कि इतने साल से इनकी सरकार कर क्या रही थी? साफ है कि बीजेपी सिर्फ बदला लेना चाहती है और बदला भी नहीं चुनाव जीतना ही इनका लक्ष्य है.
हालांकि बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि आपके पास तर्क नहीं है तो कुतर्क करने लगते हैं. इस मामले में निष्पक्ष ढंग और न्यायोचित तरीके से कार्रवाई हो रही है तो इसमें कहां से राजनीतिक बदला और राजनीतिक पूर्वाग्रह देखा जा रहा है.
लेकिन ये पूरा मामला जैसा दिखता है वैसा है नहीं, इसमें अभी और भी कई सारे पेंच हैं, खट्टर सरकार ने इसकी जांच के लिए ढींगरा कमीशन बनाया था जिस पर वाड्रा जमीन घोटाले का खुलासा करने वाले हरियाणा सरकार के आईएस अशोक खेमका ने सवाल उठाए हैं, खेमका ने ट्वीट किया और कहा कि ढींगरा कमीशन की जांच सिर्फ समय और जनता के पैसों की बर्बादी थी. अब एक निजी व्यक्ति क्या कर सकता है, राज्य सरकार 3 साल पहले ही कार्रवाई कर सकती थी, 2013 और 2015 की मेरी रिपोर्ट उनके पास है, भ्रष्टाचारी को बचाना भी एक तरह का भ्रष्टाचार ही है.
यानी अशोक खेमका के मुताबिक हरियाणा सरकार तीन साल पहले ही कार्रवाई कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, बल्कि उन्हें बचाया जो खुद एक भ्रष्टाचार है, कुल मिलाकर फिलहाल तो वाड्रा के मुद्दे पर सियासत ज़ोरों पर है और बड़ा सवाल यही है कि क्या राहुल गांधी के जीजाजी को जेल हो जाएगी?
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Source: IOCL





















