NRC को NPR के रूप में पेश करने की साजिश कर रही है सरकार- कांग्रेस
अजय माकन ने कहा कि प्रीटेस्ट फॉर्म में माता-पिता के जन्मस्थान के बारे में जानकारी मांगी गई है. मुझसे पूछेंगे तो मेरे माता-पिता का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, मैं उनका विवरण कहां से लाऊंगा. इसमें मोबाइल नम्बर और आधार नम्बर भी मांगे जा रहे हैं.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के प्रायोगिक तौर पर भरवाए जा रहे फॉर्म पर सवाल उठाते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह एनआरसी को एनपीआर में रूप में लाने की सरकार की साजिश है. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने यह भी कहा कि अगर सरकार एनपीआर को एनआरसी के साथ जोड़ने का कदम पीछे नहीं लेती है तो कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने सिर्फ एनपीआर पर कदम बढ़ाया था और इसे एनआरसी से कभी नहीं जोड़ा.
कांग्रेस नेता ने कहा, 'एनपीआर और एनआरसी में फर्क करने की जरूरत है. एनपीआर सामान्य निवासी के लिए है. सामान्य निवासी के लिए सबसे अहम है कि वह व्यक्ति जिस स्थान का पता दे रहा है वहां पर वह एक साल में छह महीने तक रहा हो या फिर आगे छह महीने तक रहना चाहता हो.'
उन्होंने कहा, 'भाजपा ने चिदंबरम जी का जो वीडियो जारी किया उसमें स्पष्ट रूप से सामान्य निवासी की बात की गई है. भाजपा ने पिछले पांच साल में सामान्य निवासी की बात ही नहीं की. उन्होंने हमेशा एनआरसी की बात की है. वे लोग एनपीआर की बात ही नहीं करते थे.'
उन्होंने दावा किया, 'एनपीआर में 14 साधारण जानकारियां ली जाती थीं. 2020 एनपीआर के लिए इसी साल प्रीटेस्ट हुआ है जिसमें बड़ी संख्या में फॉर्म भरवाए गए हैं. प्रीटेस्ट फॉर्म (प्रायोगिक तौर पर फॉर्म भरवाना) की बात सरकार ने खारिज नहीं की है.'
उन्होंने आरोप लगाया, ' यह एनआरसी को एनपीआर के रूप में पेश करने की साजिश है.'
आखिर ये NPR क्या है ? NPR यानि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर, वो रजिस्टर जिसमें देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पूरी जानकारी होगी. एक ऐसा रजिस्टर जिसमें देश के निवासियों की पहचान से जुड़ी हर तरह की सूचना होगी. गृह मंत्रालय के तहत आने वाली ऑफिस ऑफ द रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर की वेबसाइट के मुताबिक यह देश में रहने वाले लोगों की जानकारी का एक रजिस्टर होगा.
इसके लिए लोगों से नाम, पता, पेशा, शिक्षा जैसी 15 जानकारियां मांगी जाएंगी. लोगों की फोटो, फिंगर प्रिंट, रेटिना की भी जानकारी ली जाएगी. 5 साल से अधिक उम्र के निवासियों से जुड़ी हर सूचना होगी. सरकार की अधिसूचना के मुताबिक इस बार भी NPR के लिए आंकड़े जुटाने का काम 2020 में 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक किया जाएगा. इन सबके अलावा NPR यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में नागरिकता की जो जानकारी दी जाएगी वो स्वघोषित यानी खुद से बताई गई होगी, जो व्यक्ति की नागरिकता का पुख्ता सबूत नहीं होगी.
NRC के मुद्दे पर U-Turn ले रही है बीजेपी? पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कही ये बात
CAA: हापुड़ में जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए उमड़ी भीड़, 1948 में जन्मे लोगों ने भी किया आवेदन
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















