कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, कहा- अमेरिका और कुवैत के फैसले पर सवाल पूछ रहे हैं तो सन्नाटा है
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार कहती है पूरी दुनिया में हमारी पैठ है. हमारी पैठ कहां हैं, हमें पता नहीं है.

नई दिल्ली: कांग्रेस इन दिनों केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कई मुद्दों को लेकर हमलावर हैं. आज एक बार फिर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा. कांग्रेस ने अमेरिका के H-1B वीज़ा पर दिए गए निर्देश को लेकर कहा कि अमेरिका ऐसे ऐंठ कर रहा है, जैसे भारत नाम का कोई देश ही नहीं है और आप यहां कहते हैं कि छाती 56 इंच की नहीं 65 इंच की है. वहां कुवैत हमारे श्रमिकों के विषय में अपने आप निर्णय लेता है, जिसमें कोई कंसल्टेशन नहीं है, कोई आपसी विचार-विमर्श नहीं है. आप कहते हैं पूरी दुनिया में हमारी पैठ है. हमारी पैठ कहां हैं, हमें पता नहीं है.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा,'' अमेरिका के H-1B वीज़ा में चार में से तीन भारतीय इन्वोल्वड हैं. वो भी एक तरफा निर्णय ले लेते हैं. हमारी भारत की डिप्लोमेटिक पैठ कहां हैं? हमारी आर्थिक शक्ति कहां हैं? हमारे सुपर पॉवर के देश की छवि कहां है? मैंने इसलिए कहा कि ना पूर्व, ना पश्चिम. मोदी जी दोनों दिशाओं में हमारी पैठ नहीं है. एक तरफ अमेरिका सुनने को तैयार नहीं है, दूसरी तरफ कुवैत सुनने को तैयार नहीं है, सबसे बड़ा और सबसे छोटा देश हमारी नहीं सुन रहा हैं.''
उन्होंने आगे कहा,'' जो लोग भारत का नाम विदेश में रोशन कर रहे हैं. जो सबसे ज्यादा पैसा भेजते हैं. सबसे ज्यादा फेमस माने जाते हैं, निष्ठावान हैं जिन्होंने अपनी एक छाप अमेरिकन सोसाईटी, समाज में बनाई है. आज उनके ऊपर आपने ऐसा प्रहार होने दिया? मैं विनम्रता से कहूंगा माननीय मोदी जी ये बड़े-बड़े रोड़ शो अमेरिका में करने का और स्टेज पर ह्युस्टन उत्तर अमेरिका में इवेंट मैनेजमेंट का जमीनी सच ये है. इसका जवाब देश मांगता है, क्योंकि ये इनके पेट में, इनके परिवारों के पेट पर, भारत की छवि पर यह सीधा आघात है.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा,'' पैंडेमिक (महामारी) की हालत चल रहे हैं. इस दौर में भी कुवैत जिसकी पूरी आर्थिक स्थिति हम पर आश्रित है, जो हम पर निर्भर है, जिस देश को हम उठाए हुए हैं. जहां पर 70 प्रतिशत श्रमिक भारत के हैं वहां पर भी आप अचानक एक कोटा बांध देते हैं. कुवैत के फैसले के अनुसार आपके 8 लाख लोग बाहर चले जाएंगे. 8 लाख भारतीय उस देश से बाहर हो जाएंगे जहां की पूरी आबादी 14.5 लाख है. यानी आधी आबादी भारतीयों की निष्कासित, डिपोर्टेशन, निकालना, जो भी कह दीजिए वो हो जाएगा. इस फैसले से दौरान क्या कर रही थी सरकार?''
उन्होंने कहा,'' इन बातों को देखें तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की मानहानि हो रही है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आप चुन-चुन कर भारत के उन वर्गों पर दुष्प्रभाव कर रहे हैं, उनपर प्रहार कर रहे हैं, उनके साथ आघात कर रहे हैं, जो अपने श्रम से, अपने हुनर से भारत का नाम रोशन करते हैं और कई दशकों से करते आए हैं. इन सबका आपके पास कोई हल नहीं है. आपने कोई नीति नहीं बनाई. प्रधानमंत्री जी सब काम को छोड़कर अमेरिका और कुवैत इसके लिए जाना चाहिए. आपने एक भी ठोस चीज की है क्या जिससे कि ये नीतियां वापस ली जाएं? करोड़ों-लाखों भारतीय एक आवाज में ये प्रश्न का उत्तर मांग रहे हैं, लेकिन जवाब की जगह सन्नाटा मिल रहा है.''
Source: IOCL





















