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दिव्यांगों का मजाक उड़ाने का मामला: सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए कॉमेडियन समय रैना समेत 5 इंफ्लूएंसर, अगस्त में दोबारा तलब
5 मई को हुई पिछली सुनवाई में स्पाइनल मस्क्युलर अट्रोफी नाम की समस्या के मरीजों की सहायता करने वाली संस्था 'क्योर एसएमए' ने समय रैना और विपुन गोयल के कुछ वीडियो की शिकायत की थी.

दिव्यांगों और गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों का मजाक उड़ाने वाले वीडियो के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना समेत 5 लोगों को जवाब दाखिल करने को कहा है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक मंगलवार (15 जुलाई, 2025) को समय रैना, विपुन गोयल, बलराज घई, सोनाली ठक्कर और निशांत तंवर व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे. कोर्ट ने सभी पक्षों को जवाब देने का मौका देते हुए सुनवाई 3 सप्ताह के लिए टाल दी.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच ने सोनाली ठक्कर को अगली सुनवाई में ऑनलाइन पेश होने की अनुमति दी है. बाकी सब को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट आना होगा. सुनवाई के दौरान पांचों की तरफ से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई सीधी याचिका दाखिल नहीं की गई है. इस पर जजों ने कहा कि उन्होंने सबको समन जारी किया है. सबको पेश होना है. इसमें तर्क करने की कोई गुंजाइश नहीं है.
5 मई को हुई पिछली सुनवाई में स्पाइनल मस्क्युलर अट्रोफी नाम की समस्या के मरीजों की सहायता करने वाली संस्था 'क्योर एसएमए' ने समय रैना और विपुन गोयल के कुछ वीडियो की शिकायत की थी. संस्था की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह ने बताया था कि इन लोगों ने गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों का मजाक बनाया है.
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने इस तरह के मजाक को असंवेदनशील बताते हुए कड़ी आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि किसी का भी मखौल बनाने और उसे नीचा दिखाने को सही नहीं कहा जा सकता. जज ने कहा, 'यह सब हमारी नजर में हेट स्पीच (नफरत फैलाने वाले भाषण) के दायरे में आता है. इससे कैसे निपटना है, यह हम जानते हैं.'
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