कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जनहित याचिका दायर कर अदालत से की गई ये मांग
मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से अब तक 19 बच्चों और राजस्थान में 4 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों ने इस सिरप की बिक्री और उपयोग पर तत्काल रोक लगा दी है.

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित तौर पर जहरीले कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करके इसकी जांच और औषधि सुरक्षा तंत्र में प्रणालीगत सुधार का अनुरोध किया गया है. अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में इन घटनाओं की अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध किया गया है.
साथ ही उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति के गठन का आग्रह भी किया गया है. जनहित याचिका में अनुरोध किया गया है कि विभिन्न राज्यों में कथित तौर पर जहरीले कफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मौत से संबंधित सभी लंबित प्राथमिकी और जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को हस्तांतरित कर दी जाएं. इसमें निष्पक्षता और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में जांच का अनुरोध किया गया है.
याचिका में दी गई क्या दलील?
याचिका में दलील दी गई है कि अलग-अलग राज्य-स्तरीय जांचों के कारण जवाबदेही भी बंट गई है, जिससे बार-बार चूक हो रही है और खतरनाक ‘फॉर्मूलेशन’ (औषधि) बाजार में पहुंच रहे हैं. यह याचिका मध्य प्रदेश और राजस्थान से कथित तौर पर एक खास तरह का कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत होने की खबरों के बीच आई है. याचिका में अदालत से केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यायिक या विशेषज्ञ निकाय गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है ताकि उन नियामक कमियों की पहचान की जा सके जिनके कारण घटिया दवाइयां बाजार में पहुंचीं.
इसमें अदालत से यह भी आग्रह किया गया है कि आगे किसी भी बिक्री या निर्यात की अनुमति देने से पहले सभी संदिग्ध उत्पादों का एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के माध्यम से विषाक्तता परीक्षण अनिवार्य किया जाए.
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत
मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से अब तक 19 बच्चों और राजस्थान में 4 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु और पंजाब ने इस सिरप की बिक्री और उपयोग पर तत्काल रोक लगा दी है. तमिलनाडु के ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने सिरप बनाने वाली कांचीपुरम स्थित कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सरकार ने कंपनी से पांच दिन के भीतर जवाब मांगा है.
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Source: IOCL
























