अयोध्या केस पर फैसला लिखने में व्यस्त हैं चीफ जस्टिस रंजन गोगोई? दो मामलों की मेंशनिंग में किया इशारा
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अलग अलग केस की सुनवाई के दौरान कहा कि हम अभी भी व्यस्त हैं. संभवत: चीफ जस्टिस अयोध्या मामले पर फैसला लिखने में व्यस्त हैं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने इस पर सुनवाई की है और ज्यादा संभावना है कि यह पीठ 15 नवंबर तक फैसला सुना देगी. आज चीफ जस्टिस गोगोई ने दो अलग-अलग केस की सुनवाई के दौरान अयोध्या मामले में फैसला लिखने में अपनी व्यस्तता की ओर इशारा किया.
मुंबई कोस्टल रोड पर जल्द सुनवाई की मांग करते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पहले आपलोग व्यस्त थे. जिसपर सीजेआई ने कहा कि हम अभी भी व्यस्त हैं. वहीं अदालती कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग के मामले में जब वकील ने कहा कि सूरज की रोशनी रोग दूर करती है. तो सीजेआई ने कहा कि रोशनी हो या नहीं. हम काम करते हैं. कल रविवार था. मैं रात 9.30 तक अपनी टेबल पर था.
आज अयोध्या मामले के मुस्लिम पक्ष के वकील ने चीफ जस्टिस (CJI) को जानकारी दी कि पहले हमने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ का हलफनामा सीलबंद लिफाफे में सौंपा था. अब सभी पक्षों को इसकी कॉपी दे दी है. जिसपर सीजेआई ने कटाक्ष किया कि 'मेरे टेबल पर जो चीज़ बंद लिफाफे में रखी है, वह अखबार में छप रही है. फिर उसे वहीं रहने दें.' हिंदू पक्षकारों और शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने मुस्लिम पक्षकारों द्वारा सीलबंद लिफाफे में अपने लिखित नोट दायर कराने पर आपत्ति जताई है.
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या की जमीन को लेकर फैसला सुनाएगा. साल 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षों (सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान) में बांटने का आदेश दिया था. इसी फैसले के खिलाफ सभी पक्ष सुप्रीम कोर्ट चले गए. कोर्ट इस मसले पर अपना फैसला देगा.
मामले की सुनवाई करने वाली बेंच (पीठ) के अध्यक्ष चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. 16 नवंबर को शनिवार है और 17 नवंबर को रविवार है. ऐसे में फैसला इन दो तारीखों से पहले आ सकता है.
अयोध्या मामला : दोनों पक्षों ने 'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' पर दिया हलफनामा