CBI ने कसा शिकंजा, कनिष्क गोल्ड के प्रमोटरों और निदेशकों के खिलाफ जारी किया लुक आउट नोटिस
सीबीआई ने कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड, इसके प्रमोटर निदेशक भूपेश कुमार जैन, निदेशक नीता जैन, तेजराज अच्छा, अजय कुमार जैन और सुमित केडिया के अलावा अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

नई दिल्ली: सीबीआई ने कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटरों और निदेशकों के खिलाफ आज लुक आउट नोटिस जारी किया ताकि उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके. ये सभी 824 करोड़ रुपये के कर्ज धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं. अधिकारियों ने आज बताया कि एजेंसी ने कंपनी के निदेशकों भूपेश जैन और नीता जैन से सीबीआई के बेंगलूरू स्थित कार्यालय में धोखाधड़ी के सिलसिले में पूछताछ की.
सीबीआई ने भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले 14 बैंकों के संघ से 824.15 करोड़ रुपये के कथित कर्ज धोखाधड़ी के सिलसिले में एक मामला दर्ज किया है और बुधवार को तलाशी ली. सीबीआई ने कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड, इसके प्रमोटर निदेशक भूपेश कुमार जैन, निदेशक नीता जैन, तेजराज अच्छा, अजय कुमार जैन और सुमित केडिया के अलावा अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कल कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटरों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों की तलाशी ली थी. सीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले की जांच कर रही है. एसबीआई ने सीबीआई को जो शिकायत दी है उसके अनुसार कंपनी सोने के जेवर बनाने का कारोबार करती थी और वह क्रिज नाम के ब्रांड से वितरकों के जरिये 2014 तक अपने उत्पाद बेचती थी. हालांकि, 2015 में उसने अपना व्यापार मॉडल बदल दिया और बीटूबी (बिजनेस टू बिजनेस) मॉडल कर दिया. उसने बड़े खुदरा आभूषण कारोबारियों को अपने उत्पादों की आपूर्ति शुरू कर दी.
कंपनी का कर्ज खाता एसबीआई ने 2008 में आईसीआईसीआई बैंक से लिया था जब मार्च 2011 में उसकी बैंकिंग व्यवस्था मल्टीपल बैंकिंग प्रणाली में तब्दील की गई थी. एसबीआई ने आरोप लगाया कि धोखाधड़ी 824.15 करोड़ की है, लेकिन होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए उपलब्ध प्रतिभूति सिर्फ तकरीबन 156.65 करोड़ रुपये की है.
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