कैंसर फैलने से रोक सकती है दर्द की दवा एस्प्रिन: रिसर्च
रिसर्च में पता चला कि कुछ कैंसर के मामले में एस्प्रिन लेने वाले मरीजों की जीवित रहने की संभावना 20 से 30 फीसदी ज्यादा थी.

लंदन: कैंसर जैसी बीमारी के इलाज का वैकल्पिक उपया की खोज अब भी जारी है. इस दिशा में लंदन के श्रज्ञानिकों की रिसर्च में एक नया उपाय सामने आया है. हालांकि यह उपाय वैकल्पिक ही है. दरअसल, वैज्ञानिकों का कहना है कि दर्द की दवा एस्प्रिन लेने से कैंसर मरीजों के जीवित रहने की संभावना बढ़ सकती है. इस दवा के इस्तेमाल से शरीर के दूसरे भागों में बीमारी फैलने का खतरा भी कम हो सकता है.
रिसर्चर्स ने 71 मेडिकल केस स्टडीज का विश्लेषण किया, जिसमें एस्प्रिन लेने वाले कैंसर पीड़ित 1,20,000 मेरीजों और एस्प्रिन नहीं लेने वाले चार लाख मरीजों के जीवन जीने की संभावना को देखा गया. इसमें पता चला कि कुछ कैंसर के मामले में एस्प्रिन लेने वाले मरीजों की जीवित रहने की संभावना 20 से 30 फीसदी ज्यादा थी.
कैंसर के वैकल्पिक इलाज में एस्प्रिन की महत्वपूर्ण भूमिका
एस्प्रिन का इस्तेमाल करने वाले मरीजों के शरीर के दूसरे भागों तक कैंसर के फैलाव में भी काफी कमी देखी गई है. ब्रिटेन में कार्डिफ यूनिवर्सिटी के पीटर एलवुड ने कहा, ‘‘हॉर्ट की बीमारी और कैंसर में इलाज के रूप में एस्प्रिन की कम खुराक का इस्तेमाल आम तौर पर किया जाता है लेकिन अब ऐसे सबूत सामने आ रहा है जिसमें यह पता चल रहा है कि इस दवा की कैंसर के वैकल्पिक इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.’’
Source: IOCL






















