मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक पर अध्यादेश को दी मंजूरी
पहले अध्यादेश को कानून का रूप प्रदान करने के लिए एक विधेयक राज्यसभा में लंबित है जहां विपक्ष इसे पारित किए जाने का विरोध कर रहा है.

नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने एक बार में तीन तलाक को अपराध घोषित किए जाने से संबंधित अध्यादेश को फिर से जारी करने के प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूरी प्रदान कर दी. सूत्रों ने यह जानकारी दी. इससे पहले जारी अध्यादेश की अवधि 22 जनवरी को समाप्त हो रही है. पहला अध्यादेश पिछले साल सितंबर में जारी किया गया था. पहले अध्यादेश को कानून का रूप प्रदान करने के लिए एक विधेयक राज्यसभा में लंबित है जहां विपक्ष इसे पारित किए जाने का विरोध कर रहा है.
बता दें कि एक अध्यादेश की समयावधि छह महीने की होती है. लेकिन कोई सत्र शुरू होने पर इसे विधेयक के तौर पर संसद से 42 दिन (छह सप्ताह) के भीतर पारित कराना होता है, वरना यह अध्यादेश निष्प्रभावी हो जाता है. अगर विधेयक संसद में पारित नहीं हो पाता है तो सरकार अध्यादेश फिर से ला सकती है.
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सूत्रों ने कहा कि अध्यादेश पिछले साल 11 दिसंबर को शुरू हुए शीतकालीन सत्र के 42वें दिन यानी 22 जनवरी को निष्प्रभावी हो जाएगा. लोकसभा ने इस विधेयक को अपनी मंजूरी दी थी. लेकिन विधेयक को राज्यसभा में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. विधेयक फिलहाल ऊपरी सदन में लंबित है. प्रस्तावित कानून के तहत, एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) गैरकानूनी और शून्य होगा और ऐसा करने पर पति को तीन साल की सजा होगी.
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Source: IOCL























