यहां पढ़ें: 55 घंटे का पूरा सियासी ड्रामा जिसके अंत में फेल हुए येदुरप्पा
मुख्यमंत्री बी एस येदुरप्पा ने 17 मई को सीएम पद की शपथ ली थी और आज तीसरा दिन पूरा होने से पहले ही विधानसभा में बहुमत न होने के कारण इस्तीफा दे दिया.

नई दिल्लीः कर्नाटक में 17 मई से चले आ रहे सियासी ड्रामे का आज समापन हो गया और राज्य में ढाई दिन या 55 घंटे की बीजेपी की सरकार गिर गई. मुख्यमंत्री बी एस येदुरप्पा ने 17 मई को सीएम पद की शपथ ली थी और आज तीसरा दिन पूरा होने से पहले ही विधानसभा में बहुमत न होने के कारण इस्तीफा दे दिया. जानिए कर्नाटक में तीन दिन तक चले सियासी ड्रामे में कब क्या हुआ.
19 मई 19 मई यानी आज कर्नाटक के सियासी ड्रामे के खत्म होने का दिन था क्योंकि आज ही बीजेपी को सदन में अपना बहुमत साबित करना था. सुबह से ही बेंगलुरू में भारी हलचल मची हुई थी और ऊंट किस करवट बैठेगा इसको लेकर सस्पेंस था. बार-बार इस बात को लेकर चर्चा गर्म रही कि शायद बीजेपी आज शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी और अंत में ऐसा ही हुआ.
शाम 3.45 बजे के बाद बी एस येदुरप्पा ने भावुक भाषण देते हुए कहा कि वो अंतिम सांस तक सेवा करते रहेंगे. उनके इमोशनल भाषण से ये लगभग साफ हो गया कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार जाने वाली है और जैसे ही येदुरप्पा ने अपना इस्तीफा देने का एलान किया कर्नाटक में ढाई दिन की बीजेपी की सरकार गिर गई. येदुरप्पा ने कहा , ‘‘ मैं विश्वास मत का सामना नहीं करूंगा , मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं.
18 मई 18 मई की सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक के मामलों पर फैसला करने के लिए सुनवाई शुरु हुई. बीजेपी को तब झटका लगा जब कोर्ट ने पूछा कि बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन क्यों चाहिए और अगले दिन ही फ्लोर टेस्ट यानी शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दे दिया.
हालांकि एक मोर्चे पर राहत मिली जब अदालत ने येदुरप्पा के शपथ ग्रहण को अवैध नहीं ठहराया लेकिन 15 दिन की समयअवधि को घटाकर एक दिन करने से बीजेपी को बड़ा झटका लगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस और बीजेपी की सभी दलीलें सुनने के बाद आदेश दिया कि कर्नाटक में बीजेपी सरकार को कल शाम चार बजे कर बहुमत साबित करना होगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि बहुमत परिक्षण के दौरान डीजीपी विधायकों को सुरक्षा भी दें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुमत साबित करने से पहले सीएम येदुरप्पा को भी नीतिगत फैसला नहीं लेंगे. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने किसी एंग्लो इंडियन को सदस्यता देने पर भी रोक लगा दी है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दो विकल्प भी सामने रखे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि या तो राज्यपाल के फैसले पर विस्तृत सुनवाई करें या क्यों ना कल ही बहुमत परिक्षण करा दिया जाए.
17 मई बी एस येदुरप्पा ने सुबह 9 बजे कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. राज्यपाल ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया. सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन अगले दिन यानी शुक्रवार को राज्यपाल के फैसले पर फैसला सुनाने के लिए सुनवाई रखी.
बीजेपी को न्योता मिलने के आधिकारिक एलान से पहले कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. अपने विधायकों को टूट से बचाने के लिए कांग्रेस ने सभी विधायकों को बस में बैठाकर बेंगलुरू के एक रिजॉर्ट में भेज दिया है. जेडीएस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उसके विधायकों को 100 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है. प्रकाश जावड़ेकर ने जेडीएएस के आरोपों को काल्पनिक बताया.
पहले के राजनीतिक घटनाक्रम इससे पहले 12 मई को हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आए और बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन बहुमत के 112 के आंकड़ें से थोड़ी दूर रह गई. कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया और बी एस येदुरप्पा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने का रास्ता साफ हुआ. सियासी बिसात में सबसे ज्यादा उबाल तब आया जब इसके खिलाफ कांग्रेस और जेडीएस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. येदुरप्पा के शपथ के खिलाफ देर रात कांग्रेस चीफ जस्टिस के पास पहुंची और इस मामले की सुनवाई की अपील की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. 2.15 बजे रात को सुनवाई शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस को झटका लगा, सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. 17 मई की सुबह बी एस येदुरप्पा ने तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की.
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