भीमा कोरेगांव: BJP ने राहुल को बताया निर्लज्ज, कहा- शहरी नक्सलियों का समर्थन करते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने तथ्यों के आधार पर गिरफ्तारी की है. यह शक्ति के दुरुपयोग/राजनीतिक गिरफ्तारी का मामला नहीं है.

नई दिल्ली: भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार पांच लोगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने और आरोपियों की रिहाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. बीजेपी ने कहा है कि राहुल शहरी नक्सलियों का समर्थन करते हैं. वह निर्लज्ज हैं.
बीजेपी की तरफ से प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. संबित ने कहा, ‘’भीमा कोरेगांव केस के संबंध में आज जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, उससे आज पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी का पर्दाफाश हो गया है. ये फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र हित की जीत है.’’
भीमा कोरेगांव: नजरबंद आरोपियों को नहीं मिली राहत, SC ने कहा- राजनीतिक वजह से गिरफ्तारी नहीं हुई
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए संबित पात्रा ने कहा, ‘’अपने निजी स्वार्थ के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी आज देश को कुचलने और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के लिए भी तैयार हैं.’’ उन्होंने पूछा, ‘’राहुल जी आप बार-बार राष्ट्रद्रोहियों के साथ खड़े क्यों नज़र आते हैं?’’ संबित पात्रा ने कहा, ‘’कांग्रेस का एक ही नारा है- मोदी को हटाना है, अब चाहे पाकिस्तान हटा दे या माओवादी हटा दें लेकिन देश की जनता राष्ट्र सुरक्षा और मोदी जी के साथ है.’’
Congress party have stooped down to the level of politicizing an issue of national security. As per the SC, arrest of activists are not due to dissent against govt. There are other reasons for these arrests. This judgement by SC is a win for India: Dr. @sambitswaraj pic.twitter.com/ZSOsNhnta0
— BJP (@BJP4India) September 28, 2018
भीमा कोरेगांव: अमित शाह का राहुल पर वार, बोले- कांग्रेस भारत के टुकड़े गैंग का समर्थन करती है
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के संबंध में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने तथ्यों के आधार पर गिरफ्तारी की है. यह शक्ति के दुरुपयोग/राजनीतिक गिरफ्तारी का मामला नहीं है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को फौरी राहत देते हुए 4 हफ्ते हाउस अरेस्ट में रखने की बात कही है. सभी तब तक निचली अदालत से राहत मांग सकते हैं.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























