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बिहार: सृजन घोटाले में गिरफ्तार आरोपी महेश मंडल की अस्पताल में मौत
महेश मंडल का इलाज मायागंज अस्पताल में चल रहा था. महेश को हर तीन दिन बाद डायलेसिस करवाना पड़ता था, इसके अलावा उसे कैंसर भी था. बता दें कि पुलिस ने घोटाले के आरोप में मंडल सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है.
भागलपुर: बिहार के सृजन घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार कल्याण विभाग के कर्मचारी महेश मंडल की बीती रात भागलपुर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में मौत हो गई. महेश को पिछले रविवार को गिरफ्तार किया गया था. बताया गया है कि महेश मंडल की किडनी खराब थी.
महेश मंडल का इलाज मायागंज अस्पताल में चल रहा था. महेश को हर तीन दिन बाद डायलेसिस करवाना पड़ता था, इसके अलावा उसे कैंसर भी था. बता दें कि पुलिस ने घोटाले के आरोप में मंडल सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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कहा जा रहा है कि महेश मंडल इस घोटाले की जांच की अहम कड़ी थे. उनके पास कई अहम जानकारियां थी जिससे इस घोटाले की तह तक जाया जा सकता था. सृजन घोटाले की जांच अब सीबीआई को सौंपी गई है.
क्या है सृजन घोटाला?
दरअसल बिहार के भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड में सृजन नाम का एनजीओ है. जिसे साल 1996 में महिलाओं को काम देने के मकसद से शुरु किया गया था. ये एनजीओ मनोरमा देवी ने बनाया था. तीन अगस्त को 10 करोड़ के एक सरकारी चेक के बाउंस होने के बाद इस एनडीओ में घोटाला होने का मामला सामने आया था. छानबीन में पता चला चला कि जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से बैंक से सरकारी पैसा निकाल कर एनजीओ के खाते में डाला गया. मामला सामने आते ही पुलिस ने एसआईटी का गठन करके इस मामले से जुड़े लोगों के घर और सृजन एनजीओ के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस मामले में अभी तक सात एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिसके आधार पर 10 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है.
एनजीओ की मौजूदा सचिव प्रिया कुमार फरार
2009 से पैसे की हेराफेरी का मामला शुरू हुआ था. इसमें मनोरमा देवी का नाम सामने आ रहा है, जिनकी इसी साल फरवरी में मौत हो चुकी है. एनजीओ की मौजूदा सचिव मनोरमा की बहु प्रिया कुमार हैं जो फरार हैं. मामले के राजनैतिक कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं.
सरकारी पैसे को रियल इस्टेट में लगाने का आरोप
आरोप है कि सरकारी पैसे को निकाल कर उसे रियल इस्टेट में लगाया गया. साथ ही सरकारी पैसे को अवैध तरीके से निकाल कर लोगों को कर्ज पर दिया गया. सरकारी बैंक खाते से एनजीओ के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर की करोड़ों की राशि विभिन्न राज्यों और शहरों में भेजे जाने की बात सामने आ रही है. आरजेडी ने इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लपेटने की तैयारी कर ली है.
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
Opinion