SC-ST एक्ट पर भारत बंदः जातियों की जंग, 2019 में सवर्ण किसके संग?
20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कानून में जो बदलाव किया था. इसके विरोध के बाद केंद्र सरकार ने संशोधन कर कानून को पुराने रुप में ला दिया. इसी बदलाव से सवर्ण समाज गुस्से में है.

नई दिल्लीः 2019 के चुनाव से पहले जातियों की जंग तेज होती जा रही है. एससी—एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्ण समाज ने आज भारत बंद बुलाया है. सवर्ण समाज का कहना है कि एससी—एसटी एक्ट के जरिए सवर्णों को सताया जाता है. 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कानून में जो बदलाव किया था उसका एससी-एसटी जातियों ने जोरदार विरोध किया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने संशोधन कर कानून को पुराने रुप में ला दिया. इसी बदलाव से सवर्ण समाज गुस्से में है.
एससी-एसटी एक्ट पर भारत बंद के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के जबरदस्त इंतजाम किए गए थे. देश के चार राज्यों में भारत बंद का असर सबसे ज्यादा दिखा है. बिहार और यूपी के अलावा चुनावी राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान में सवर्ण संगठनों ने हंगामा किया. देश के अलग अलग हिस्सों में कहीं तोड़फोड़ तो कहीं ट्रेन रोककर प्रदर्शन हुआ. कई जगह जाम भी लगा. बंद के मद्देनजर एमपी में सभी स्कूल कॉलेज बंद थे. हिंसा की आशंका के मद्देनजर एमपी में सुबह 10 से शाम 4 बजे तक पेट्रोल पंप भी बंद करने का एलान किया गया था. बिहार के 30 जिलों में सवर्ण समाज ने प्रदर्शन किया. हालांकि बीजेपी ने कहा है कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा और उधर कांग्रेस का कहना है कि सवर्णों का आंदोलन बीजेपी-आरएसएस की साजिश है.
जानिए अलग-अलग राज्यों में कैसा रहा बंद का असर
मध्य प्रदेश में कई जगह हुआ जोरदार हंगामा एमपी के मंदसौर में सवर्ण समाज के लोगों ने बाजार को बंद कराया, सीएम शिवराज के खिलाफ नारेबाजी की गई. एमपी के मुरैना में भी बंद का जबरदस्त असर हुआ और बाजारों में ताले लगे रहे. सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और सभी जगह पुलिस तैनात रही. सवर्णों के भारत बंद को देखते हुए इंदौर के सभी स्कूल बंद रहे. बाजार में दुकानें भी नहीं खुली. पेट्रोल पंप भी बंद रहे. ग्वालियर में भी बंद का असर देखा गया जिसके बाद थाटीपुर इलाकों में सवर्ण संगठनों का जमावड़ा हुआ और पुलिस और लोगों के बीच धक्कामुक्की भी हुई. भारत बंद को देखते हुए ग्वॉलियर में कड़ी सुरक्षा रखी गई और वहां ड्रोन से नजर रखी जा रही है. भोपाल में जैन समाज की महिलाएं बाजार बंद कराने निकली और चूना भाटी इलाके में लोगों ने स्वेच्छा से बाजार बंद किए. प्रशासन ने यहां कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे.
एमपी के छिंदवाड़ा में बड़ी संख्या में सड़कों पर सवर्ण समाज के लोग उतरे. लोगों ने बाइक रैली निकाली और वंदे मातरम के नारे लगाए. मध्य प्रदेश के रीवा में एससी एसटी एक्ट का विरोध हुआ जहां सवर्ण समाज के लोगों ने बाई पास पर जाम लगाया. यहां 10 किमी तक लंबा जाम लगा और गुना में भी सवर्ण समाज का जोरदार प्रदर्शन हुआ. इंदौर में प्रदर्शन को देखते हुए कड़ी सुरक्षा देखी गई. लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के घर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया. सुषमा स्वराज के क्षेत्र विदिशा में सवर्णों के भारत बंद का बड़ा असर देखा गया और यहां स्कूल कालेज भी बंद रहे. व्यापारी, डॉक्टर, वकील सब हड़ताल पर रहे और विदिशा जिला मुख्यालय पर बड़ी रैली निकाली गई.
राजस्थान में कैसा रहा भारत बंद का असर राजस्थान के जयपुर में जोहरी बाजार में सवर्ण समाज का प्रदर्शन हुआ जहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. राजस्थान के अलवर में एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्ण समाज का जबरदस्त प्रदर्शन हुआ और यहां होप सर्कस सर्किल पर प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. झालावाड़ में सवर्णों के भारत बंद का जबरदस्त असर हुआ और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. हिंसा की आशंका को देखते हुए शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई थी. एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ राजस्थान के बारां में भी जबरदस्त प्रदर्शन हुआ और प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कोटा में भारत बंद का असर दिखा और हर तरफ दुकानें बंद रही. यहां सड़कों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी.
बिहार का हाल बिहार के मुजफ्फरपुर में लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर जाम लगाया पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर सवर्ण समाज के लोगों ने ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया, एससीएसटी कानून के संशोधन को वापस लेने की मांग की गई. पटना में बीजेपी दफ्तर के बाहर सवर्ण सेना का प्रदर्शन देखा गया और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. जेडीयू दफ्तर के बाहर भी प्रदर्शन किया गया. सवर्णों के बंद के दौरान बिहार के जहानाबाद में हिंसक प्रदर्शन हुआ. राजाबाजार इलाके में आंदोलनकारियों ने कई गाड़ियों के शीशे तोड़े और कुछ जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. बिहार के जहानाबाद में भारत बंद के दौरान एएसपी संजीव कुमार की गाड़ी पर पथराव हुआ. संजीव कुमार के सिर और आंख के ऊपर चोट लगी और अस्पताल में भर्ती हुए. अखिल भारतीय सवर्ण सेना ने दरभंगा-नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया. एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को फिर से लागू करने की मांग की गई.
बिहार के बेगूसराय में भारी हंगामा हुआ और प्रदर्शनकारियों ने कुछ लोगों से की मारपीट की. जगह-जगह सड़क जामकर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. लखीसराय में सड़कों पर सवर्ण आंदोलनकारी उतरे. मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और हालात को देखते हुए शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए. मकोमा में प्रदर्शनकारियों ने की आगजनी की, सड़कों पर टायर जलाए और एससी एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध किया. बिहार के कैमूर में सवर्ण समाज का प्रदर्शन हुआ और सड़कों पर टायर जलाकर आगजनी की और जाम लगाया, पीएम मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
समस्तीपुर में सवर्ण समाज का प्रदर्शन हुआ और सड़क पर बैनर लगाकर नारेबाजी की गई और एससी एसटी एक्ट में संशोधन को वापस लेने की मांग की गई. छपरा में करणी सेना के लोगों ने सड़क पर जाम लगाया. आर्थिक आधार पर आरक्षण देने और एससी एसटी एक्ट में संशोधन की मांग की. बिहार के औरंगाबाद में भारत बंद का दिखा असर, सवर्ण समाज के लोगों ने सड़कों पर लगाया जाम, दुकानें बंद रही, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का मुक्की हुई. बिहार के छपरा में करणी सेना के लोगों ने सड़क पर जाम लगाया और आर्थिक आधार पर आरक्षण देने और एससी एसटी एक्ट में संशोधन की मांग की. आरा में एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्णों का प्रदर्शन हुआ और दंगई रोकने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी. भारत बंद का असर गया में भी दिखा. रिवर साइड रोड को सवर्ण संगठनों ने जाम किया और आगजनी कर प्रदर्शन किया. कई जगह पर समर्थक आपस में भिड़ गए. रोहतास में सवर्णों ने प्रदर्शन किया और सड़क पर कई जगह जाम लगा. लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की मोतिहारी में सवर्णों ने सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
यूपी में बंद का असर भारत बंद के दौरान यूपी के आगरा में प्रदर्शनकारियों ने आगरा-ग्वालियर हाईवे जाम कर दिया जिसके चलते हाइवे पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. वाराणसी में बीएचयू के छात्रों ने एसटी एसटी एक्ट के खिलाफ विश्वविद्यालय के हैदराबाद गेट पर प्रदर्शन किया और पुलता फूंककर विरोध जताया. वाराणसी में एसटी एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्णों का विरोध प्रदर्शन हुआ और नेशनल हाईवे एनएच 2 को जाम किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 2019 में मोदी सरकार को इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ेगा. यूपी के कासगंज में भारत बंद का असर देखा गया और बंद दुकानें रहीं और स्कूलों में भी बच्चे नहीं आए.
क्यों हो रहा है बवाल? सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को एससी/एसटी एक्ट में बड़ा बदलाव करते हुए कहा था कि इसके अंतर्गत नामजद आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मंजूरी अनिवार्य होगी. इसके अलावा एक पुलिस उपाधीक्षक यह जानने के लिए प्रांरभिक जांच कर सकता है कि मामला इस अधिनियम के अंतर्गत आता है या नहीं.
विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी सरकार पर आरोप लगाए थे की सरकार ने कोर्ट में दलील ठीक ढ़ंग से नहीं रखी जिसकी वजह से कानून कमजोर हुआ अब फिर दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दो अप्रैल को दलितों ने भारत बंद बुलाया था इस दौरान जमकर हिंसा हुई थी.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से आने वाले बीजेपी सांसदों ने भी विरोध में आवाज उठाई थी और अपनी ही सरकार से कहा था कि सरकार अध्यादेश लाकर कानून को पूर्ववत लागू करे. जिसके बाद मोदी सरकार ने एससी/एसटी एक्ट को पूर्ववत लागू करने के लिए संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास कराया. अब इसके विरोध में सवर्ण वर्ग ने आवाज उठानी शुरू कर दी है.
Source: IOCL






















