निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट जारी, दोस्त ने कहा- अपनी दोस्ती का फर्ज अदा नहीं कर सका
निर्भया के दोस्त अवनींद्र पांडेय ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि इंसानों के बीच हैवान भी रहते हैं जो इस हद तक गिर सकते हैं.

नई दिल्ली: निर्भया केस के चारों आरोपियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी. इसी को लेकर निर्भया के दोस्त और घटना के चश्मदीद अवनींद्र पांडेय ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि जब भी उन्हे ये घटना याद आती है तो उनकी रूह कांप जाती है.
अवनींद्र पांडेय ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हे अफसोस है कि वह अपनी दोस्त को बचा नहीं पाए. उन्हें हर समय दुख रहता है कि वह अपनी दोस्ती का फर्ज अदा नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि उस दिन अगर राजधानी के लोग पहले उठ गए होते तो निर्भया आज हमारे बीच होती. घटना के करीब एक साल बाद निर्भया के दोस्त अवनींद्र ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि निर्भया के जो साथ जो हुआ वह उन्हे हर गुजरती रात ने एहसास कराया. उन्होंने कहा कि मेरी दोस्त के साथ जो घटना घटी वह बुरे सपने की तरह थी.
अवनींद्र ने बताया, '' घटना के दिन कि बातों को मैं भूल नहीं सकता. अब जब भी मैं किसी ऐसी घटना के बारे में सुनता हूं तो मैं अपने आप को निर्भया से जुड़ा हुआ महसूस करता हूं. मुझे घटना के बारे में सोचकर बहुत दुख होता है. मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि इंसानों के बीच हैवान भी रहते हैं जो इस हद तक गिर सकते हैं. अपराध कर सकते हैं.''
निर्भया के दोस्त इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई करने के बाद एक गैर-सरकारी संगठन से जुड़ गए हैं और समाज को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. अवनींद्र ने बताया कि निर्भया के साथ अन्याय हुआ है. उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन पहले हम नहीं जगे. जिसके कारण ही इतना बड़ी घटना को अंजाम दिया गया. ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकना ही निर्भया का सच्ची श्रद्धांजलि देना होगा.
16 दिंसबर की रात को क्या हुआ था-
16 दिसंबर को गैंगरेप करने वाले पहले आरोपी राम सिंह (बस ड्राइवर) ने राम आधार नाम के शख्स को लिफ्ट दी. उसके बाद राम आधार का सारा समान लूट लिया. पुलिस ने जब आरोपी राम सिंह से पूछताछ कि तो उसने बताया कि उसे अपने करनी पर कोई पछतावा नहीं है. राम सिंह ने बताया कि जब लड़की ने बचाव के लिए उसके हाथों को अपने दांतों से काटा तब उसे ज्यादा गुस्सा आया. जांच रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी राम सिंह और अक्षय ठाकुर ने पीड़िता के साथ दो बार बालात्कार किया.
पुलिस का कहना है कि इसके बाद राम सिंह ने अपने साथियों से कहा कि '' शायद मर गई है नीचे फेंक इसे.'' आरोपियों ने पहले पीड़िता के दोस्त को फेंका और फिर पीड़िता को फेंका. पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने पीड़ितों के कपड़े उतार दिए. क्योंकि उन्हें शक था कि अगर पीड़िता मरी नहीं होगी तो सर्दी के कारण मर जाएगी. वहीं निर्भया के दोस्त के कपड़े इसलिए उतार दिए कि लड़का भी सर्दी के कारण मर जाए और पुलिस को शिकायत नहीं दर्ज करा सके.
पुलिस ने बताया कि पीड़िता के चेहरे पर दांत से काटने के निशान थे. साथ ही छाती और गले पर नाखून के निशान थे. साथ ही पीड़िता के पेट पर नुकीली वस्तु से चोट के निशान थे. पीड़िता के शरीर के अंदर लोहे की रॉड डाली गई. जिससे उसकी बच्चेदानी का हिस्सा प्रभावित हुआ था. रॉड के कारण ही पीड़िता की छोटी आंत पूरी तरह से बाहर आ गई थी.
आरोपी दोनों की करना चाहते थे हत्या-
आरोपी दोनों पर बस चलाना चाहते थे. पुलिस का कहना है कि जब आरोपी पीड़िता की दोस्त के साथ ज्यादा मारपीट करने लगे तो उसने अपनी सांसे रोक ली थी. जिन पीसीआर कर्मियों ने पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया पुलिस ने उनको भी गवाह बनया है. इन पीसीआर कर्मियों ने पीड़िता को पहली बार देखा था. वहीं जिस शख्स के साथ लूट की वारदात हुई उसने बताया कि लूटपाट के बाद उसे भी बस से नीचे फेंक दिया गया था. लूटपाट पीड़ित राम आधार ने अदालत को कहा कि मुकेश, विनय, अक्षय और पवन के अलावा और दो आरोपी भी थे. जिसने उसके साथ लूट की घटना को अंजाम दिया था.
आरोपियों को सजा दिलाने के लिए के लिए सबसे बड़ा सबूत डीएनए टेस्ट रहा. पीड़िता के शरीर पर कई जगह दातों के निशान थे इसलिए पुलिस ने आरोपियों के दांतों की जांच भी अस्पताल में कराई. पीड़िता का इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने बताया कि पीड़िता के शरीर में संक्रमण फैल गया था. जिसको काबू करना काफी मुश्किल था. पीड़िता की भारत में 5 सर्जरी हुई. उसके बाद उसको 26 दिसंबर की रात एयर एंबुलेंस की मदद से सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल भेजा गया था. 29 दिसंबर की देर रात माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई.
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