अतीक-अशरफ और मूसेवाला हत्याकांड में एक ही पिस्टल क्यों? मिला कॉमन फैक्टर
Atiq Ahmed Murder Case: पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद और उनके भाई की गोली मारकर तब हत्या कर दी गई थी जब वह पुलिस कस्टडी में देर रात अपना मेडिकल चेकअप करा कर लौट रहे थे.

Atiq Ahmed Murder Case: गैंगस्टर से माफिया और फिर राजनेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की बीते हफ्ते शनिवार (15 अप्रैल) को गोली मारकर हत्या कर दी गई. तीन हमलावरों ने उन पर तब हमला किया जब वह रात 10 बजे पुलिस कस्टडी में प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल से अपना रूटीन हेल्थ चेकअप करा कर लौट रहे थे. अब इस हत्या का पंजाब में सिद्धू मूसे वाला कनेक्शन निकल कर सामने आया है.
दरअसल दोनों माफिया बंधुओं की नृशंस हत्या में जिस हथियार का इस्तेमाल किया गया था वह तुर्की मेड जिगाना पिस्टल थी और इसी पिस्टल का इस्तेमाल पंजाब के सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड में किया गया था. सूत्रों के मुताबिक इस पिस्टल की सप्लाई में पंजाब के एक कुख्यात तस्कर की संदिग्ध भूमिका के बारे में जानकारी मिली है.
क्यों इस्तेमाल की गई ये पिस्टल?
सूत्रों के मुताबिक जिगाना से एक साथ 15 गोलियां चलती हैं और पिस्टल गर्म नहीं होती है इसलिए ही ये पिस्टल अवैध आरोपियों और गैंगस्टर्स की पहली पसंद है. यह पिस्टल पाकिस्तान से नेपाल पहुंचती है और वहां से ये पूर्जों में तोड़कर भारत लाई जाती है.
इस पिस्टल के हर पुर्जे को अलग किया जाता है और उसके बाद भारत लाया जाता है. तस्कर नेपाल से इन पुर्जों को कार में छिपाकर लाते हैं. इसके लिए कार में विशेष जगह बनाई जाती है. भारत में लाकर इन पुर्जों को असेंबल किया जाता है.
ऐसा बताया जा रहा है कि इसी कुख्यात तस्कर ने इन अपराधियों को यही जिगाना पिस्टल उपलब्ध कराई थी. इस तस्कर का नाम इससे पहले नक्सलियों को असलहा उपलब्ध कराने में आ चुका है. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से इस संबंध में अभी कोई बयान सामने नहीं आया है. वहीं आपको बता दें कि बीते साल 29 मई 2022 को पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाली की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
एसआईटी करेगी अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार (17 अप्रैल) को इसकी जानकारी दी, उन्होंने कहा अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए यूपी पुलिस ने तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिये रविवार (16 अप्रैल) को एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया था.
हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई वाला यह आयोग दो महीने के अंदर पूरे प्रकरण की जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा. राज्य के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक सुरेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी इस आयोग के दो अन्य सदस्य हैं.
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