असम में अगले साल होंगे विधानसभा चुनाव, फिर क्यों नहीं होगा SIR? चुनाव आयोग ने बताई ये वजह
Why not SIR in Assam: यहां नागरिकता कानून की धारा 6A लागू है, जिसके तहत 1 जनवरी 1966 से 25 मार्च 1971 के बीच बांग्लादेश से आए भारतीय मूल के लोगों को नागरिकता के लिए विशेष प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

देशभर में 21 साल बाद शुरू हुई स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया अब अपने दूसरे चरण में पहुंच गई है. इस चरण में 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं, लेकिन असम को इस सूची में जगह नहीं मिली. जबकि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य इसमें शामिल हैं.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि असम में नागरिकता से जुड़े नियम देश के बाकी हिस्सों से अलग हैं. इसलिए असम के लिए अलग SIR आदेश जारी किया जाएगा और अलग तारीख पर प्रक्रिया शुरू होगी.
असम में लागू है नागरिकता कानून की विशेष धारा
असम में नागरिकता कानून की धारा 6A लागू है, जिसके तहत 1 जनवरी 1966 से 25 मार्च 1971 के बीच बांग्लादेश से आए भारतीय मूल के लोगों को नागरिकता के लिए विशेष प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. 1 जनवरी 1966 से पहले आने वालों को सीधे नागरिक माना गया है. 1966 से 1971 के बीच आए लोगों को रजिस्ट्रेशन के बाद नागरिकता मिल सकती है. 25 मार्च 1971 के बाद आए लोगों को अवैध प्रवासी माना जाता है. इन मामलों पर फैसला असम का विदेशी न्यायाधिकरण करता है.
NRC विवाद के कारण प्रक्रिया जटिल
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर पहले ही बड़ा विवाद हो चुका है. 2019 में जारी सूची में 19 लाख से ज्यादा लोग बाहर रह गए थे, जिससे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. अब आयोग नहीं चाहता कि SIR प्रक्रिया से फिर ऐसा विवाद पैदा हो.
12 राज्यों में शुरू होगा SIR का दूसरा चरण
SIR का दूसरा चरण अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में शुरू होगा. 4 नवंबर से घर-घर गणना चलेगी और 9 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी. अंतिम सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी.
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Source: IOCL























