सुबह-सुबह फिर डोली धरती, भूकंप से सहमे लोग; जानें रिक्टर स्केल पर कितनी थी तीव्रता?
दक्षिण भारत की बात करें तो आंध्र प्रदेश के सत्य साई, प्रकाशम और तेलंगाना में असिफाबाद और कर्नाटक में कलबुर्गी, विजयपुरा और कोडागु भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल हैं.

असम में शनिवार (18 अक्टूबर, 2025) को 2.7 तीव्रता का भूकंप आया. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के मुताबिक भूकंप शनिवार सुबह आए इस भूकंप का केंद्र अक्षांश 24.84 डिग्री उत्तर और देशांतर 93.20 डिग्री पूर्व में स्थित था. भूकंप का केंद्र कछार जिले में 10 किलोमीटर की गहराई पर था.
भारत समेत पड़ोसी देशों में हर रोज औसतन 5 से अधिक भूकंप आ रहे हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के देशभर में मौजूद 169 सिस्मिक स्टेशनों में भू-गर्भीय गतिविधियों की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से सितंबर तक कुल 1467 भूकंप दर्ज किए गए हैं. इनमें से 382 का केंद्र भारत ही रहा.
असम, अरुणाचल और मणिपुर काफी संवेदनशील
भू-गर्भीय हलचल के लिहाज से पिछले 9 महीनों में उत्तर-पूर्वी और उत्तरी क्षेत्र सबसे अधिक एक्टिव रहे हैं. भूकंप का केंद्र 180 बार उत्तर-पूर्व क्षेत्र में रहा, जबकि उत्तरी क्षेत्र में भूकंप ने 92 बार लोगों को डराया. भूकंप के नजरिये से असम, अरुणाचल और मणिपुर जैसे पूर्वोत्तर के राज्य काफी संवेदनशील हैं.
EQ of M: 2.7, On: 18/10/2025 03:29:57 IST, Lat: 24.84 N, Long: 93.20 E, Depth: 10 Km, Location: Cachar, Assam.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) October 17, 2025
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इसके अलावा सालभर जब भी धरती डोली, तब भूकंप का केंद्र नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तिब्बत और भूटान रहे हैं. भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि लगातार आ रहे ये झटके एक सामान्य भूगर्भीय हलचल का हिस्सा हैं. इसके बावजूद वैज्ञानिक बड़े भूकंप की आशंका जता रहे हैं.
उत्तर भारत भूकंप के लिहाज से अधिक संवेदनशील
दक्षिण भारत की तुलना में उत्तर भारत भूकंप के लिहाज से अधिक संवेदनशील है. उत्तर भारत में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सबसे संवेदनशील हैं. इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. दिल्ली एनसीआर पर भी भूकंप का खतरा है.
दक्षिण भारत की बात करें तो आंध्र प्रदेश के सत्य साई, प्रकाशम और तेलंगाना में असिफाबाद और कर्नाटक में कलबुर्गी, विजयपुरा और कोडागु संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल हैं.
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Source: IOCL






















