असदुद्दीन ओवैसी बोले- अगर बाबरी मस्जिद अवैध था तो आडवाणी पर मामला क्यों चलाया गया
अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, ‘‘यह एक मूलभूत सवाल है. हमलोग इस फैसले से खुश नहीं हैं. बाबरी मस्जिद मेरा कानूनी हक है. मैं मस्जिद के लिये लड़ाई लड़ रहा हूं, जमीन के लिये नहीं.’’

हैदराबाद: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया है कि अगर बाबरी मस्जिद अवैध था तो लालकृष्ण आडवाणी और अन्य के खिलाफ इसे ढहाये जाने के संबंध में मामला क्यों चलाया जा रहा था.
शनिवार रात को एक जनसभा को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर बाबरी मस्जिद तब वैध था तो इसकी जमीन उन्हें क्यों दी गयी जिन्होंने इसे ढहाया. अगर यह अवैध है तो इस पर एक मामला क्यों चल रहा है और आडवाणी के खिलाफ मामला क्यों वापस लिया गया. अगर यह वैध है तो इसे मुझे दे दीजिए.’’
अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, ‘‘यह एक मूलभूत सवाल है. हमलोग इस फैसले से खुश नहीं हैं. बाबरी मस्जिद मेरा कानूनी हक है. मैं मस्जिद के लिये लड़ाई लड़ रहा हूं, जमीन के लिये नहीं.’’ आपको बता दें कि शनिवार को अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद वहां राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया.
रविवार को ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘फिर आज एक मुस्लिम क्या देखता है? वहां कई साल से एक मस्जिद थी, जिसे ढहा दिया गया.’’साथ ही उन्होंने लिखा कि ‘‘जमीन (वैकल्पिक) देकर हमें अपमानित किया जा रहा है. हमारे साथ भिखारियों जैसा बर्ताव नहीं करें. हमलोग भारत के सम्मानित नागरिक हैं. यह लड़ाई कानूनी हक के लिये है.’’
उन्होंने फिर दोहराया कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमने न्याय मांगा था, दान नहीं. अगर आपके घर को ढहा दिया जाये और आप न्याय मांगने जायें तो आपको घर दिया जायेगा या नहीं. क्या इसे घर ढहाने वालों को दे दिया जायेगा?’’
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ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों को मस्जिद के लिये लड़ाई लड़नी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि आज भी भाजपा और आरएसएस के पास कई मस्जिदों की सूची है जिसे वे ‘‘बदलना’’ चाहते हैं. साथ ही ओवैसी ने शीर्ष अदालत के फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी, बसपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत अन्य की ‘‘चुप्पी’’ पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि वह बाबरी मस्जिद विध्वंस के बारे में आने वाली पीढ़ी को बतायेंगे. ओवैसी ने समुदाय के नौजवानों से अनुरोध किया कि वे राजनीति में आयें और उनकी पार्टी का सहयोग करें.
शनिवार को अयोध्या फैसला सुनाये जाने के तुरंत बाद ओवैसी ने कहा था कि संवेदनशील मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला ‘‘तथ्यों पर आस्था की जीत है’’. साथ ही उन्होंने मस्जिद निर्माण के लिये वैकल्पिक पांच ऐकड़ जमीन दिये जाने को खारिज करने का सुझाव दिया था.
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