'नाइंसाफी की बुनियाद पर...', दादरी मॉब लिंचिंग केस में योगी सरकार के फैसले पर भड़के औवेसी
यूपी सरकार ने दादरी मॉब लिंचिंग केस में अहम फैसला लेते हुए केस को वापस ले लिया है. सरकार के इस फैसले पर हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जाहिर करते हुए निशाना साथा है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2015 में हुए दादरी मॉब लिंचिंग केस को वापस ले लिया है. इस घटना में दादरी के रहने वाले अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. सरकार ने तर्क दिया है कि इससे सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा. अब इस मामले में हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है.
ओवैसी ने यूपी सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने सरकार के दावों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, 'कानून-व्यवस्था के ढोल पीटने वाली सरकार का यह कदम उसके असली चेहरे को दर्शाता है, जो हमेशा दोषियों और मुजरिमों के साथ खड़ा नजर आता है.'
AIMIM चीफ ने यूपी सरकार को घेरा
ओवैसी ने कहा, 'न्याय की प्रक्रिया को राजनीतिक लाभ के लिए प्रभावित करना, लोकतंत्र की नींव को कमजोर करता है. यह फैसला न केवल एक पीड़ित परिवार के साथ अन्याय है, बल्कि यह देश के सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने पर गहरी चोट है, जो आने वाले समय में गंभीर परिणाम दे सकता है.'
नाइंसाफी की बुनियाद पर सद्भाव नामुमकिन: ओवैसी
औवेसी ने सोशल मीडिया पर योगी सरकार के फैसले पर नाराजगी जताते हुए लिखा, '2015 में दादरी में अख़लाक़ पर गौ-मांस का झूठा इल्ज़ाम लगाकर लिंच कर दिया गया था. तब भारतीयों को लिंचिंग का मतलब भी नहीं पता था. आज लिंचिंग आम बात हो गई है. अख़लाक़ के परिवार ने उसकी लिंचिंग अपनी आँखों से देखी थी, वे आज तक उस सदमे से उबर नहीं पाए. दस साल में किसी को सज़ा नहीं हुई. अब योगी आदित्यनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि अख़लाक़ के कातिलों के खिलाफ केस वापस ले लिया जाएगा. सरकार के अनुसार यह फैसला “सामाजिक सद्भाव” के हित में है. नाइंसाफी की बुनियाद पर सद्भाव नामुमकिन है. योगी बाबा कानून-व्यवस्था पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, पर भाजपा का असली चेहरा यही है कि वह हमेशा मुजरिमों के साथ खड़ी नज़र आएगी.'
2015 में दादरी में अख़लाक़ पर गौ-मांस का झूठा इल्ज़ाम लगाकर लिंच कर दिया गया था। तब भारतीयों को लिंचिंग का मतलब भी नहीं पता था। आज लिंचिंग आम बात हो गई है। अख़लाक़ के परिवार ने उसकी लिंचिंग अपनी आँखों से देखी थी, वे आज तक उस सदमे से उबर नहीं पाए। दस साल में किसी को सज़ा नहीं हुई।… pic.twitter.com/qwS1b785If
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 20, 2025
Source: IOCL























