20 MLA की छु्टी पर केजरीवाल ने ट्वीट में नर्म तो जनता के सामने दिखाए सख्त तेवर
सभा में जनता के सामने तो केजरीवाल ने कड़े तेवर दिखाए, लेकिन अपने ट्वीट में वो काफी नर्म नजर आए. ट्वीट में उन्होंने न ही विरोधी पार्टियों पर कोई आरोप लगाया और न कोई हमला बोला, बल्कि अपने लिए ही नसीहत का पैगाम दिया है.

नई दिल्ली: लाभ के पद के मामले में अपने 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नजफगढ़ की एक सभा में कहा है कि उनकी पार्टी को परेशान किया जा रहा है.
केजरीवाल ने विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर नजफगढ़ की एक सभा में कहा, “हमारे 20 एमएलए पर झूटे केस कर दिए, मेरे ऊपर सीबीआई की रेड करा दी और तब भी इनको कुछ नहीं मिला. इनको पूरे देश में केजरीवाल ही करप्ट मिला, बाकि सब इमानदार हैं. जब कुछ नहीं हुआ तो इन्होंने हमारे 20 एलएलए को डिस्क्वालिफाई (अयोग्य) कर दिया.”
Humare 20 MLAs pe jhoote case kar diye, mere upar CBI ki raid kara di aur tab bhi inko kuch nahi mila. Inko poore desh mein Kejriwal hi corrupt mila, baaki sab imaandaar hain. Jab kuch nahi hua toh inhone humare 20 MLAs ko disqualify kar diya:Delhi CM Arvind Kejriwal in Najafgarh pic.twitter.com/bUYoXh0RYB
— ANI (@ANI) January 21, 2018
सभा में जनता के सामने तो केजरीवाल ने कड़े तेवर दिखाए, लेकिन अपने ट्वीट में वो काफी नर्म नजर आए. ट्वीट में उन्होंने न ही विरोधी पार्टियों पर कोई आरोप लगाया और न कोई हमला बोला, बल्कि अपने लिए ही नसीहत का पैगाम दिया है. अपने और अपनी पार्टी से ये कहने की कोशिश की है कि राह कितनी ही कठिन क्यों न हो, हालात कुछ भी हों... बस सच्चाई के मार्ग को नहीं छोड़ना है.
केजरीवाल ने अपने ट्वीट में दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी की 67 सीटों पर जीत का भी तर्क पेश किया है.
आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता ट्वीट करते हैं, ऊपर वाले ने 67 सीट कुछ सोच कर ही दी थी. हर क़दम पर ऊपर वाला आम आदमी पार्टी के साथ है, नहीं तो हमारी औक़ात ही क्या थी. बस सच्चाई का मार्ग मत छोड़ना.
आपको बता दें कि चुनाव आयोग की सिफारिश पर को मंजूर करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ के पद के मामले में अयोग्य घोषित कर दिया है. 20 विधायकों की सदस्यता रद्द होने के साथ ही दिल्ली में इन सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, आम आदमी पार्टी इस फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है.
दूसरी तरफ राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा कि इस फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी. इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि पार्टी चुनाव के लिए तैयार है.
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