अनुच्छेद 370: SC ने कहा- जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए समयसीमा तय करें, फिर क्या बोला केंद्र?
Article 370 Abrogation: अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए समयसीमा तय करें. इसपर केंद्र ने भी जवाब दिया है.
Article 370 Abrogation: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (29 अगस्त) को सुनवाई जारी रही. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने को लेकर समयसीमा पर अपना रुख स्पष्ट करें क्योंकि लोकतंत्र की बहाली महत्वपूर्ण है.
इसपर केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmit) का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा स्थायी नहीं है. ऐसे में जल्द ही स्थिति सही होने पर राज्य का दर्जा मिलेगा.
मेहता ने आगे कहा कि लद्दाख का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा कुछ समय तक बरकरार रहेगा. केंद्र पूरे मामले पर गुरुवार (31 अगस्त) को विस्तृत बयान देगा.
Central government informs Supreme Court decision to make Jammu and Kashmir a Union Territory was not permanent. Solicitor General Tushar Mehta says J&K would again be made a State when things will get normal.
— ANI (@ANI) August 29, 2023
Five-judge Constitution bench of Supreme Court is hearing a batch of…
केंद्र सरकार ने क्या दलील दी?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुनवाई के 11वें दिन यानी सोनवार (28 जुलाई) को केंद्र की ओर से पेश मेहता ने कहा थाी कि यह स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि जम्मू-कश्मीर का संविधान भारत के संविधान के अधीनस्थ है. जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा वास्तव में कानून बनाने वाली विधानसभा थी.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त कर दिया था. फिर जम्मू कश्मीर )Jammu Kashmir) को दो भागों में विभाजित कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख (Ladakh) केंद्र शासित प्रदेश बनाए थे. इसके खिलाफ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की गई.
इनपुट भाषा से भी.
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