ट्रूडो रिश्ते बिगाड़ने पर आमादा! यहां इस देश ने भारत के साथ कर ली बड़ी डील
India-Switzerland relations: भारत और स्विट्जरलैंड के बीच अब दोस्ती एक नये मुकाम को छू रही है. दोनों देशों के बीच इस साल कई बड़े समझौते भी हुए हैं.
India-Switzerland relations: एक तरफ जहां भारत और कनाडा के बीच रिश्ते खराब होते जा रहे हैं, वहीं दूसरी भारत अन्य देशों के साथ लगातार अपने संबंधों को और ज्यादा बेहतर कर रहा है. इसी कड़ी में अब मिनिस्टर एंड डिप्टी हेड ऑफ मिशन, एंबेसी ऑफ स्विट्जरलैंड, डॉ.ओलिवर फिंक ने दिल खोलकर भारत की तारीफ की है.
उन्होंने कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच रिश्ते लगातार बेहतर हो रहे हैं. वो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बहुत ज्यादा आशावादी हैं.
डॉ.ओलिवर फिंक ने भारत को लेकर कही ये बात
उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए कहा, "इन दिनों भारत में राजनयिक होना एक आशीर्वाद के जैसा है क्योंकि यहां पर तेजी से विकास हो रहा है. हमने इस साल व्यापार और आर्थिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं. हमें उम्मीद है कि ये दोनों देशों के बीच दोस्ती के नए आयाम को शुरू करेगा. हम भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लेकर आशावादी हैं. " उन्होंने आगे कहा, "हम भारत के साथ अपनी 75 साल पुरानी दोस्ती को सेलिब्रेट कर रहे हैं. इसको लेकर अलग-अलग प्रोग्राम होंगे."
#WATCH | Delhi | Minister and Deputy head of Mission, Embassy of Switzerland, Dr Olivier Fink says, "It's a blessing to be a diplomat in India these days because it's booming. We just signed a trade and economic partnership this year, and this will define a new chapter of our… pic.twitter.com/NUhinWAozy
— ANI (@ANI) October 18, 2024
हाल में ही स्विट्जरलैंड दौरे पर गए थे विदेशमंत्री एस जयशंकर
विदेशमंत्री एस जयशंकर सितंबर में स्विट्जरलैंड के दौरे पर गए थे. इस दौरान उन्होंने वहां पर अपने समकक्ष इग्नाजियो डेनियल जियोवानी कैसिस के साथ मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों देशों के बीच यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच व्यापार समझौते को लेकर बात हुई ही.
कनाडा के साथ खराब हो रहे हैं रिश्ते
निज्जर हत्याकांड में कनाडा भारत पर लगातार बेबुनियाद आरोप लगा रहा है. इस मामले में कनाडा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को घसीटा था. कनाडा की इस नापाक हरकत पर भारत ने करारा जवाब दिया था और अपने उच्चायुक्त समेत 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया है. कनाडा ने इस मामले में अभी तक भारत के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं किया है.