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इन दस प्वाइंट्स से जानें तब से अबतक 2G घोटाले से जुड़ी सभी बड़ी बातें
इस मामले के सभी आरोपी आजाद हैं. गवाहों के बयान कोर्ट में कागजी शेर साबित हए. अब सीबीआई और प्रविर्तन निदेशालय हाईकोर्ट में अपील करेगा.
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े घोटाले पर कल जो फैसला आया है, उससे पूरे देश की सियासत में सनसनी फैल गई है. एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए के इस मामले में सभी 17 आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है. जांच एजेंसी सीबीआई आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं दे पाई. जानें इस मामले में तब से लेकर अबतक क्या हुआ है.
- साल 2010 में देश के नियंत्रक औऱ महालेखापरीक्षक यानी कैग की साल 2010 की आई रिपोर्ट में कहा गया कि नीलामी के जरिए 2जी मोबाइल नेटवर्क का लाइसेंस नहीं दिया गया, इससे देश को 1 लाख 76 हजार रुपये करोड़ का नुकसान हुआ है.
- कैग के इस दावे के बाद देश में हंगामा मच गया. हंगामे के बाद 2जी लाइसेंस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. यूपीए सरकार में टेलिकॉम मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनीमोझी और शाहिद बलवा समेत कई आरोपी जेल गए 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने 2जी के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए.
- साल 2017 यानि सात साल बाद दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के फैसले ने सबको चौंका दिया. 2जी मामले के सभी आरोपी बरी कर दिए गए. सरकारी पक्ष आरोपियों पर आरोप साबित करने में नाकाम रहा.
- फैसले के पेज नंबर 1544 में जज ओपी सैनी ने लिखा है, ‘’’सात साल से मैं काम के सभी दिन सुबह 10 से 5 बजे तक कोर्ट में बैठता था कि कोई तो सबूत लेकर आए, लेकिन कोई नहीं आया. इससे पता चलता है कि हर कोई अफवाह, सुनी सुनाई बातों, अटकलों पर अपना नजरिया बना रहा था, लेकिन सुनी -सुनाई बातों की कानून की प्रक्रिया में कोई जगह नहीं होती.’’
- मनी लान्ड्रिंग केस का फैसला पढ़ने के बाद अदालत ने एस्सार मामले में फैसला पढ़ा और उसमें भी सबको बरी कर दिया.
- जज ओपी सैनी ने पेज नंबर 1550 और 1551 में लिखा है, ‘’इस केस की जड़ में ए राजा की जिम्मेदारी इतनी नहीं बनती है, जितनी की दूसरों की बनती है. ऐसा कोई सबूत नहीं है कि इस साजिश के जनक ए राजा हैं, ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि जिससे ये साबित हो कि उन्होंने कोई गलत काम किया है, साजिश रची है या भ्रष्टाचार किया है.’’
- ए राजा 2010 में डीएमके कोटे से यूपीए सरकार में टेलिकॉम मंत्री थे. उन पर आरोप लगे कि उन्होंने पद का दुरूपयोग किया, रिश्वत लेकर पसंदीदा कंपनियों को फायदा पहुंचाया, 2001 की कीमतों पर 2008 में स्पेक्ट्रम बेचा और नीलामी में नियमों की जानबूझकर अनदेखी की. जिससे देश को 76 लाख करोड़ का नुकसान हुआ.
- डीएमके चीफ करुणानिधि की बेटी कनिमोझी पर आरोप थे कि उन्होंने ए राजा के साथ मिलकर स्पेक्ट्रम घोटाला किया, स्पेक्ट्रम दिलाने के बदले 200 करोड़ की रिश्वत ली,- डीबी रिएल्टी के मालिक शाहिद बलवा से रिश्वत ली औऱ अपने टीवी चैनल कलाइंगर टीवी के लिए 200 करोड़ लिए.
- लेकिन ये आरोप अदालत में साबित नहीं हो सके और अब सब आरोपी आजाद हैं. गवाहों के बयान कोर्ट में कागजी शेर साबित हए. अब सीबीआई और प्रविर्तन निदेशालय हाईकोर्ट में अपील करेगा.
- कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी में घमासान शुरु हो गया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर सत्ता हथियाने के लिए साजिश करने का आरोप लगाया है और माफी की मांग की है. वहीं, सरकार ने कहा है कि कांग्रेस इस फैसले को सम्मान पत्र ना समझे.
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
Opinion