राघव चड्ढा को हार्वर्ड से न्योता! ग्लोबल लीडरशिप प्रोग्राम में होंगे शामिल
राघव चड्ढा दिल्ली से AAP के राज्यसभा सांसद हैं और पार्टी के सबसे युवा और प्रभावशाली चेहरों में से एक हैं. वे दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. उन्हें हार्वर्ड कैनेडी स्कूल से न्योता मिला है.

Raghav Chadha: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के प्रतिष्ठित ग्लोबल लीडरशिप प्रोग्राम में शामिल होने का न्योता मिला है. यह कार्यक्रम 5 से 13 मार्च तक अमेरिका के बोस्टन में होगा, जहां दुनियाभर के प्रभावशाली नेता, नीति-निर्माता और विशेषज्ञ एक साथ बैठकर इनोवेशन, लीडरशिप और नीति निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का कैनेडी स्कूल दुनियाभर के नेताओं को नीति निर्माण और नेतृत्व से जुड़ी गहरी समझ देने के लिए जाना जाता है. इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में शामिल होने पर राघव चड्ढा ने कहा, 'यह मेरे लिए बैक टू स्कूल जैसा मौका है. मुझे भारत की नीतिगत चुनौतियों को वैश्विक दृष्टिकोण से समझने में मदद मिलेगी.'
पहले भी मिला है अंतरराष्ट्रीय सम्मान
यह पहली बार नहीं है जब राघव चड्ढा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हो. इससे पहले वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) उन्हें 'यंग ग्लोबल लीडर' के रूप में सम्मानित कर चुका है. यह खिताब दुनिया के सबसे प्रभावशाली और भविष्य की राजनीति, व्यापार और समाज में बदलाव लाने वाले नेताओं को दिया जाता है.
ग्लोबल मंचों पर भारत की भागीदारी होगी मजबूत
राघव चड्ढा की इस उपलब्धि से भारत की नीति-निर्माण प्रक्रिया को वैश्विक पहचान मिलेगी. कार्यक्रम के दौरान वे अंतरराष्ट्रीय नेताओं और नीति-निर्माताओं के साथ भारत की आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक नीतियों पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा वे इस कार्यक्रम में मिली सीख को अपने संसदीय और राजनीतिक कार्यों में लागू कर सकते हैं, जिससे देश को फायदा होगा.
राघव चड्ढा कौन हैं?
राघव चड्ढा दिल्ली से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं और वे पार्टी के सबसे युवा और प्रभावशाली चेहरों में से एक हैं. वे दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष रह चुके हैं और अरविंद केजरीवाल सरकार में कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. उनकी गिनती पार्टी के रणनीतिकारों में होती है और वे टीवी डिबेट व संसद में अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं. राघव चड्ढा का हार्वर्ड कैनेडी स्कूल में शामिल होना सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए भी एक सम्मान की बात है. इस तरह के कार्यक्रमों से भारत की नीतियों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलती है और अंतरराष्ट्रीय नीति-निर्माण में देश की भागीदारी मजबूत होती है.
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