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AAP को अलका लांबा का जवाब, बोलीं- ‘पार्टी छोड़ने के लिए मुझे कारण खोजने की जरूरत नहीं’
इससे पहले, पिछले साल दिसंबर में लाम्बा ने दावा किया था कि आप ने उनसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के कथित प्रस्ताव का विरोध करने को लेकर इस्तीफा मांगा था. हालांकि, आप ने इस दावे को खारिज कर दिया था.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) में फिलहाल सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. आप से पिछले दिनों कई बड़े नेता इस्तीफा दे चुके हैं. अब दिल्ली में पार्टी विधायक अलका लांबा की जुबां से भी पार्टी के खिलाफ बागी सुर सुनने को मिल रहे हैं. पार्टी पर निशाना साधते हुए आज अलका लांबा ने कहा है कि मुझे पार्टी छोड़ने के लिए कोई कारण खोजने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पहले से ही बहुत कारण मौजूद हैं. अलका लांबा ने क्या ट्वीट किया है? एक खबर को रिट्वीट करते हुए अलका लांबा ने लिखा है, ‘’कारण खोजने की मुझे ही नहीं बल्कि बहुत से दूसरे विधायकों को भी कोई जरूरत नहीं है. पहले से ही बहुत से ऐसे कारण मौजूद होने के बावजूद भी मेरी तरह दूसरे विधायक आज भी पार्टी से जुड़े हुए हैं. इसे ही विधायकों की कमज़ोरी समझा जा रहा है. जनप्रतिनिधि के तौर पर मैं जनता के लिए अपनी सेवाएं जारी रखूंगी.’’
पार्टी छोड़ने के लिए वजह तलाश रही हैं लाम्बा- आप न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, आप ने कहा है कि पार्टी विधायक अलका लाम्बा पार्टी छोड़ना चाहती हैं और ऐसा करने के लिए वह वजह तलाश रही हैं. पार्टी की यह प्रतिक्रिया लाम्बा के उस दावे के बाद आई है, जिसमें लाम्बा ने रविवार को कहा था कि आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें ट्विटर पर अनफालो कर दिया है. अलका लाम्बा ने आप नेतृत्व से नाखुशी भी जाहिर की है और पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर रुख भी स्पष्ट करने को कहा है. मुख्यमंत्री की पसंद, वह किसे फालो करना चाहते हैं किसे नहीं- पार्टी प्रवक्ता आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा है, ‘’पार्टी की लांबा को निकालने की कोई मंशा नहीं है. एक पार्टी के लिए लोगों को निलंबित करना बहुत सहज है. हमने निलंबन के बाद भी लोगों को वापस लिया है, जब उनमें बदलाव देखा है." उन्होंने कहा, "आपको पार्टी में निश्चित अनुशासन और शिष्टाचार का पालन करना होता है." ट्विटर पर अनफालों करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री की पसंद है कि वह किसे फालो करना चाहते हैं. अलका लांबा ने क्या आरोप लगाए हैं? चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने कहा है, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि पार्टी अब मेरी सेवा नहीं चाहती. लेकिन जब तक मैं विधायक हूं, अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगी.'' लाम्बा ने कहा कि उन्होंने आप नेतृत्व को एक संदेश भेज कर यह पूछा है कि वह उनके प्रति अपना रूख स्पष्ट करें. उन्होंने दावा किया कि उन्हें पार्टी के सभी आधिकारिक वाट्सएप्प ग्रुप से हटा दिया गया है और केजरीवाल ने रविवार को ट्विटर पर उन्हें अनफॉलो कर दिया. इससे पहले, पिछले साल दिसंबर में लाम्बा ने दावा किया था कि आप ने उनसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के कथित प्रस्ताव का विरोध करने को लेकर इस्तीफा मांगा था. हालांकि, आप ने इस दावे को खारिज कर दिया था. यह भी पढ़ें-
पार्टी छोड़ने के लिए वजह तलाश रही हैं लाम्बा- आप न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, आप ने कहा है कि पार्टी विधायक अलका लाम्बा पार्टी छोड़ना चाहती हैं और ऐसा करने के लिए वह वजह तलाश रही हैं. पार्टी की यह प्रतिक्रिया लाम्बा के उस दावे के बाद आई है, जिसमें लाम्बा ने रविवार को कहा था कि आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें ट्विटर पर अनफालो कर दिया है. अलका लाम्बा ने आप नेतृत्व से नाखुशी भी जाहिर की है और पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर रुख भी स्पष्ट करने को कहा है. मुख्यमंत्री की पसंद, वह किसे फालो करना चाहते हैं किसे नहीं- पार्टी प्रवक्ता आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा है, ‘’पार्टी की लांबा को निकालने की कोई मंशा नहीं है. एक पार्टी के लिए लोगों को निलंबित करना बहुत सहज है. हमने निलंबन के बाद भी लोगों को वापस लिया है, जब उनमें बदलाव देखा है." उन्होंने कहा, "आपको पार्टी में निश्चित अनुशासन और शिष्टाचार का पालन करना होता है." ट्विटर पर अनफालों करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री की पसंद है कि वह किसे फालो करना चाहते हैं. अलका लांबा ने क्या आरोप लगाए हैं? चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने कहा है, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि पार्टी अब मेरी सेवा नहीं चाहती. लेकिन जब तक मैं विधायक हूं, अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगी.'' लाम्बा ने कहा कि उन्होंने आप नेतृत्व को एक संदेश भेज कर यह पूछा है कि वह उनके प्रति अपना रूख स्पष्ट करें. उन्होंने दावा किया कि उन्हें पार्टी के सभी आधिकारिक वाट्सएप्प ग्रुप से हटा दिया गया है और केजरीवाल ने रविवार को ट्विटर पर उन्हें अनफॉलो कर दिया. इससे पहले, पिछले साल दिसंबर में लाम्बा ने दावा किया था कि आप ने उनसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के कथित प्रस्ताव का विरोध करने को लेकर इस्तीफा मांगा था. हालांकि, आप ने इस दावे को खारिज कर दिया था. यह भी पढ़ें- CBI Vs ममता: SC का आदेश- राजीव कुमार से शिलांग में हो पूछताछ, गिरफ्तार नहीं करेगी एजेंसी
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