दिसंबर से अब तक म्यांमार से भारत में 7000 लोगों की एंट्री, बायोमेट्रिक डिटेल्स से भारत रख रहा नजर
7000 Entered India From Myanmar: बीते साल केंद्र सरकार ने FMR खत्म करने की घोषणा की थी, नियम लागू किए और दिसंबर में मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड की सरकारों को संशोधित प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए.

7000 Entered India From Myanmar: भारत-म्यांमार सीमा पर संशोधित मुक्त आवागमन व्यवस्था (FMR) के तहत नियमों को और भी ज्यादा सख्त कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने सात हजार लोगों को सीमा पार कर आवागमन की अनुमति दी है. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय डेटा केंद्र से जुड़े उनके बायोमेट्रिक विवरण जमा करने के बाद ही इन लोगों को प्रवेश की अनुमति दी है. खास बात ये है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने 43 एंट्री पॉइंट के माध्यम से प्रवेश किया.
असम राइफल लोकल पुलिस और जांच एजेंसियों के पास प्रवेश करने वाले सभी लोगों का डाटा मौजूद है और यह सभी 10 किलोमीटर के दायरे में ही रहने वाले हैं. खास बात यह है कि इन सभी लोगों की गतिविधियों पर बायोमेट्रिक तरीके से नजर रखी जाती है. बायोमेट्रिक तरीके से नजर जरूर रखी जाती है, लेकिन उनका डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाता है.
बीते साल लागू हुए थे नियम
बीते साल केंद्र सरकार ने संशोधित मुक्त आवागमन व्यवस्था खत्म करने की घोषणा की थी, लेकिन इसके बावजूद इसके कड़े नियम लागू किए और दिसंबर में मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड की सरकारों को संशोधित प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए थे. वहीं असम राइफल्स के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, बॉर्डर पास के लिए टोटल 43 निर्दिष्ट क्रॉसिंग पॉइंट स्थापित किए गए थे, जिसमें से वर्तमान में मात्र 22 ही चालू है. इन पॉइंट से प्रवेश करने वाले व्यक्तियों से बायोमैट्रिक डाटा, एड्रेस और अन्य प्रमाण पत्र लेने के बाद ही पास दिया जाता है.
गांव के प्रमुखों को दिखाने होते है प्रमाण पत्र
नियमों के तहत व्यक्ति को अपने गांव के प्रमुख लोगों को यह प्रमाण पत्र दिखाने बेहद आवश्यक है. उन प्रमुखों की ओर से पुष्टि किए जाने के बाद असम राइफल्स के जवान उनकी तस्वीरें खींचते हैं और बायोमेट्रिक जानकारी रिकॉर्ड करते हैं, जिसमें फिंगरप्रिंट भी शामिल है. इसके बाद पास जारी किया जाता है. बायोमेट्रिक तौर पर ली गई सभी जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित रखी जाती है.
कैसे मिल सकता है पास?
असम राइफल के सीनियर अधिकारी का कहना है कि वह इस डेटा को जमा कर रहे हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उनके क्षेत्र में कौन-कौन प्रवेश कर रहा है और कौन रह रहा है. अगर कोई गलत काम होता है तो उनकी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखा जाता है. FMR के तहत दोनों देशों में सीमा के 10 किलोमीटर के अंदर रहने वाले लोग 7 दिनों के लिए वैध सीमा पास का उपयोग करके एक दूसरे से मिल सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस पास को प्राप्त करने के लिए पहले स्थानीय पुलिस स्टेशन, ग्राम प्रधान या सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त प्राधिकरण द्वारा जारी घर का सर्टिफिकेट पेश करना होता है.
भारत-म्यांमार की 1,643 किलोमीटर की सीमा
म्यांमार के साथ भारत की 1,643 किलोमीटर की सीमा अरुणाचल प्रदेश (520 किलोमीटर), नागालैंड (215 किलोमीटर), मणिपुर (398 किलोमीटर) और मिजोरम (510 किलोमीटर) से होकर गुजरती है. इसमें से 1,472 किलोमीटर का सीमांकन पहले ही किया जा चुका है.
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Source: IOCL





















