एक्सप्लोरर

26 साल से चुनाव नहीं, कांग्रेस के भीतर कितना पावरफुल है सीडब्ल्यूसी?

कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव पिछली बार 1997 में हुआ था. उस वक्त 10 सदस्य चुन कर आए थे. सोनिया गांधी के आने के बाद सीडब्ल्यूसी का चुनाव नहीं कराया गया.

कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन में पार्टी स्टीयरिंग कमेटी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी मेंबर चुनने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष को दे दिया है. गांधी परिवार के बिना आयोजित इस मीटिंग में कहा गया कि सीडब्ल्यूसी के सभी 25 सदस्यों को मल्लिकार्जुन खरगे चुनेंगे. कांग्रेस संविधान के मुताबिक कांग्रेस वर्किंग कमेटी में आधे सदस्य चुनकर आएंगे. बाकी के आधे सदस्य को अध्यक्ष मनोनीत करेंगे.

मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि सीडब्ल्यूसी में सदस्यों के मनोनयन को लेकर कुछ बदलाव किए जाएंगे. नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी में दलित, आदिवासी ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला और युवाओं का ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलेगा. हम इसके लिए संविधान में भी संशोधन करेंगे.

क्यों नहीं कराए गए चुनाव?
स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में अधिकांश नेताओं का तर्क था कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के चुनाव कराने से पार्टी में फूट पड़ सकती है. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे समेत 45 सदस्य शामिल थे. सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी मीटिंग से नदारद रहे.

नेताओं ने कहा इस साल कर्नाटक, एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे राज्यों में चुनाव होने हैं. इन राज्यों में कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में है. ऐसे में वर्किंग कमेटी का चुनाव होता है, तो सभी नेता लॉबी में जुट जाएंगे. इससे पार्टी गुटबाजी में उलझ जाएगी.

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक दिग्विजय सिंह और अजय माकन जैसे बड़े नेताओं ने चुनाव कराने की बात कही, लेकिन खरगे भी अधिकांश नेताओं के तर्क से सहमत थे और चुनाव नहीं कराने का फैसला किया गया.

क्या है सीडब्ल्यूसी, कैसे काम करती है?
सीडब्ल्यूसी देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की शीर्ष इकाई है, जो पार्टी का सभी नीतिगत फैसला करती है. इसमें कांग्रेस के अध्यक्ष, संसद में पार्टी के नेता समेत 25 स्थाई सदस्य होते हैं. आजादी से पहले 1920 में पहली बार यह कमेटी आस्तित्व में आई थी. 

कांग्रेस वर्किंग कमेटी में संगठन महासचिव की ओर से कोई भी प्रस्ताव रखा जाता है. इसके बाद सभी सदस्य मिलकर चर्चा करते हैं और फिर उस पर फाइनल फैसला होता है. सीडब्ल्यूसी में उन सभी प्रस्तावों को रखना अनिवार्य होता है, जो पार्टी की नीति से जुड़ा हुआ है.

सीडब्ल्यूसी के पास कांग्रेस के संविधान को व्याख्या करने और उसे लागू करने का भी अधिकार होता है. सीडब्ल्यूसी के पास अध्यक्ष के फैसले पर वीटो लगाने का भी अधिकार प्राप्त है.

सीडब्ल्यूसी कब-कब रहा चर्चा में?
1. बोस के साथ काम करने से सदस्यों ने किया इनकार- बात आजादी से पहले की है और साल था 1939. कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव उस वक्त हर एक साल पर कराया जाता था. महात्मा गांधी ने पट्टाभी सीतारमैया का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे किया. 

लेकिन सुभाष चंद्र बोस उनके खिलाफ खड़े हो गए. बोस चुनाव भी जीत गए. बोस के जीतते ही गांधीजी ने सीडब्ल्यूसी से इस्तीफा दे दिया. गांधीजी के इस्तीफा देते ही कांग्रेस के भीतर हड़कंप मच गया और अधिकांश सदस्य ने बोस के साथ काम करने से इनकार कर दिया.

कांग्रेस के भीतर ही असहयोग की स्थिति को देखते हुए बोस ने भी अध्यक्ष पद छोड़ दिया. इसके बाद राजेंद्र प्रसाद को कांग्रेस की कमान सौंपी गई. 

2. सीताराम केसरी को अध्यक्ष पद से हटा दिया- साल था 1998 और अध्यक्ष थे सीताराम केसरी. केसरी इंदिरा गांधी के जमाने में पार्टी के कोषाध्यक्ष हुआ करते थे. यानी हिसाब-किताब का ब्यौरा केसरी के पास हुआ करता था. 

इंदिरा के करीबी केसरी की सोनिया गांधी से नहीं जमती थी. 1998 में सोनिया ने पार्टी को टूट से बचाने के लिए राजनीति में एंट्री की. केसरी से अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहा गया, लेकिन वे राजी नहीं हुए.

कांग्रेस दफ्तर में सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई. बैठक में केसरी भी मौजूद थे. केसरी को सीडब्ल्यूसी ने हटाने का फरमान सुना दिया. फैसला सुनते ही केसरी बिदक गए और इसे असंवैधानिक बता दिया.

केसरी कुर्सी से उठने को राजी नहीं थे. उन्हें पहले मना कर बाहर लाया गया और फिर कार्यकर्ताओं ने अपने तरीके से केसरी को घर भिजवा दिया. काफी किरकिरी होने के बाद प्रणव मुखर्जी ने माना था कि अध्यक्ष को सीडब्ल्यूसी नहीं हटा सकती है.

3. प्रशांत किशोर ने भंग करने का सुझाव दिया था- 2022 में 5 राज्यों में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को सलाह देने के लिए बुलावा भेजा. अप्रैल 2022 में 10 जनपथ पर 3 दिन तक कांग्रेस नेताओं को पीके ने पार्टी में जान फूंकने का सुझाव दिया.

पीके ने अपने सुझाव में कहा कि सीडब्ल्यूसी को भंग कर नई कमेटी बनाई जाए, जिसमें कम सदस्य हो और तुरंत फैसला ले सके. पीके ने कहा कि कमेटी में बुजुर्ग नेता हैं, जिनकी वजह से पार्टी तुरंत फैसला नहीं ले पाती है. पार्टी के भीतर ऐसा स्ट्रक्चर बनाया जाए, जिससे किसी भी मामले में तुरंत निर्णय लिया जा सके.

सीडब्ल्यूसी में गांधी परिवार का दबदबा
कांग्रेस वर्किंग कमेटी में गांधी परिवार का दबदबा है. सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद कमेटी में वे ही लोग शामिल हुए, जो 10 जनपथ के खास थे. अभी तक 25 सदस्य में से 3 सदस्य (सोनिया, राहुल और प्रियंका) गांधी परिवार के ही थे. 

यही वजह थी कि गांधी परिवार का इस्तीफा सीडब्ल्यूसी में स्वीकार नहीं किया जाता था. आइए जानते हैं गांधी परिवार ने कब-कब सीडब्ल्यूसी में इस्तीफे की पेशकश की है...

  • 13 मार्च 2022 को सोनिया-राहुल-प्रियंका तीनों ने इस्तीफा देने की पेशकश की. इसे स्वीकार नहीं किया गया.
  • 24 अगस्त 2021 को G-23 नेताओं से नाराज सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही.
  • 15 जून 2019 को लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल ने इस्तीफा दे दिया. मजबूरी में इस्तीफा स्वीकार किया गया.
  • 25 मई 2019 को आम चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की. इसे अस्वीकार कर दिया गया.
  • 19 मई 2014 को केंद्र में सत्ता जाने के बाद सोनिया-राहुल ने एक साथ इस्तीफे की पेशकश की. सबने इसे खारिज कर दिया.

कितना पावरफुल है सीडब्ल्यूसी?
1. चुनाव से जुड़े (जैसे-टिकट वितरण, चेहरा घोषित करना आदि) फैसले लेने का अधिकार इस कमेटी के पास होता है.

2. कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश जारी करती है. इलेक्शन कमेटी को लेकर सुझाव देती है.

3. कांग्रेस के संगठन बदलाव में अध्यक्ष को मशवरा देने का काम करती है. हालांकि, अध्यक्ष फैसला मानने को मजबूर नहीं.

4. किसी भी बड़े और विवादित मुद्दे पर पार्टी का स्टैंड क्या होगा, इसे तय करने का काम सीडब्ल्यूसी ही करती है.

5. चुनाव में हार के बाद समीक्षा और जिम्मेदार नेताओं पर कार्रवाई की सिफारिश का अधिकार भी इस कमेटी के पास होता है.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
Advertisement
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: 'किसी को मुस्लिमों का ठेकेदार नहीं बनना चाहिए'- पीएम मोदी | Loksabha Election 2024PM Modi On ABP: 'हमारा विरोध मुसलमान से नहीं है'- पीएम मोदी | Loksabha Election 2024

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget