Param Sundari Review: फील गुड एंटरटेनर, बढ़िया म्यूजिक, जाह्नवी कपूर का कमाल परफॉर्मेंस
Param sundari Review: सिद्धार्थ मल्होत्रा और जाह्नवी कपूर की फिल्म परम सुंदरी आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. अगर फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले पढ़ लें रिव्यू.
तुषार जलोटा
जाह्नवी कपूर, सिद्धार्था मल्होत्रा, मनजोत सिंह
सिनेमाघर
इस फिल्म में कमाल के विजुअल हैं, कमाल की लोकेशंस हैं, कमाल का म्यूजिक है. सिद्धार्थ मल्होत्रा की अच्छी अच्छी शर्ट्स हैं, इसे आप चेन्नई एक्सप्रेस और 2 स्टेट्स की कॉपी भी कह सकते हैं लेकिन तब भी इस फिल्म को देखना आंखों को सुकून देता है. क्योंकि स्क्रीन पर आप जो देखते हैं उसके लिए आपको केरल का महंगा सा पैकेज लेना पड़ेगा. यहां काम एक टिकट में हो जाता है.
कहानी
ये कहानी है परम नाम के लड़के की जिसे एक डेटिंग ऐप में पैसा लगाना है. उस ऐप से आपको अपनी सोलमेट मिल सकती है. पापा से पैसा चाहिए तो पापा कहते हैं पहले साबित करो कि ऐप में दम है तो ऐप से परम अपनी सोलमेट पूछता है जो कोच्चि में है. फिर दिल्ली का ये लड़का और केरल की लड़की, लव स्टोरी में क्या होता है, ये थियेटर जाकर देखिए.
कैसी है फिल्म
ये एक फील गुड फिल्म है, आपको स्क्रीन पर जो हों चल रहा है उसकी खूबसूरती देखने में मजा आता है. कमाल के विजुअल्स आपका दिल जीत लेते हैं. जाह्नवी और सिद्धार्थ काफी अच्छे लगे हैं. आप केरल की ऐसी खूबसूरत देखते हैं कि लगता है ये फिल्म केरल टूरिज्म वालों ने बनवाई है. सनातन कृष्णन रविचंद्रन की सिनेमैटोग्राफी फिल्म की जान है. कहानी में कोई खास नयापन नहीं है लेकिन बाकी के एलिमेंट्स फिल्म को संभाल लेते हैं. म्यूजिक दिल जीत लेता है और कुल मिलाकर आप रिफ्रेश होकर आते हैं. ये ट्रेलर में ही बता दिया गया था कि नॉर्थ और साउथ की लव स्टोरी होगी और जो प्रोमिस किया गया था वो डिलीवर किया गया है.
एक्टिंग
जाह्नवी कपूर के कमाल काम किया है, उन्होंने सबसे ज्यादा इंप्रेस किया. ट्रेलर के बाद उनकी डिक्शन पर सवाल उठे थे लेकिन यहां को जिस तरह से केरल के कल्चर को प्रमोट करती हैं उसके बाद कोई भी सवाल बेमानी हो जाता है. कहीं कहीं वो सिद्धार्थ पर भारी हैं, सिद्धार्थ का काम अच्छा है. वो हैंडसम लगे हैं और अपने रोल को अच्छे से निभा गए हैं. मनजोत सिंह ने सिद्धार्थ के दोस्त का किरदार अच्छे से प्ले किया है. बाकी के सारे एक्टर भी बढ़िया हैं.
राइटिंग और डायरेक्शन
राइटिंग और स्क्रीनप्ले कमजोर है, कहानी में और मसाला डालना चाहिए था. तुषार जलोटा, अर्श वोरा और गौरव मिश्रा को यहां और मेहनत करनी थी. तुषार जलोटा का डायरेक्शन बढ़िया है.
म्यूजिक
सचिन-जिगर का म्यूजिक कमाल का है. ये फिल्म में अलग जान डालता है. बैकग्राउंड म्यूजिक भी बढ़िया है.
कुल मिलाकर ये फिल्म देखी जा सकती है
रेटिंग- 3 stars


























