Andaaz 2 Review: अक्षय कुमार की फिल्म 'अंदाज' का सीक्वल नहीं बेइज्जती है ये फिल्म, सिर में दर्द हो जाएगा
Andaaz 2 Review: अक्षय कुमार की सालों पहले एक हिट फिल्म 'अंदाज' आई थी, जिसे खूब पसंद किया गया था, लेकिन अब इसका सीक्वल आते ही लोग सवाल पूछ रहे हैं कि ये फिल्म बनाई क्यों गई? रिव्यू में जानें वजह
सुनील दर्शन
आयुष कुमार, आकायशा, नताशा फर्नांडिस
कुछ फिल्में क्यों बनाई जाती हैं, किसलिए बनाई जाती हैं, कैसे बनाई जाती हैं, और इतनी खराब क्यों बनाई जाती हैं, क्या इन्हें बनाने वाले इन्हें खुद नहीं देखते हैं, ये तमाम सवाल आपके दिमाग में आते हैं, जब ये फिल्म देखते हैं जिसका नाम है अंदाज 2 और जिसे अक्षय कुमार की फिल्म अंदाज का सीक्वल कहा जा रहा है, उस फिल्म को बनाने वाले सुनील दर्शन ने ये फिल्म डायरेक्ट की है और कह सकते हैं कि ये इस साल की सबसे खराब फिल्मों में से एक है.
कहानी- एक लड़का है जिसको म्यूजिशियन बनना है, पापा को लगता है वो आवारागर्दी करता है, मम्मी सपोर्ट करती है, एक लड़की से मिलता है, उससे प्यार हो जाता है, फिर एक और लड़की से मिलता है, उस लड़की को इस लड़के से प्यार हो जाता है, मतलब दो लड़कियां और एक लड़का, ये कहानी हमने इतनी बार देखी सुनी है कि अब इसकी एक्सपायरी डेट भ ी एक्सपायर हो चुकी है, आगे कहानी में क्या होता है, ये देखने की हिम्मत हो तो थिएटर चले जाइएगा.
कैसी है फिल्म- ये एक सिरदर्द फिल्म है, कहानी काफी पुरानी लगती है,ट्रीटमेंट एक दम आउटडेटिड है, लगता ही नहीं कि ये 2025 की फिल्म है, फिल्म में सबसे अच्छा काम हीरो के गिटार ने किया है, हीरो पर हर कोई फिदा है, हीरो की आंटी डॉली बिंद्रा भी फिदा है और वो उसकी मम्मी के सामने ही अजीब सी हरकतें करती है, मतलब ऐसा तो पुरानी फिल्मों में भी इस तरह से नहीं होता था.
फिल्म में अचानक से किसी भी सीन के बाद कोई गाना आ जाता है तो पहले से गुस्साए दर्शक का गुस्सा और बढ़ाता है, ऐसी फिल्में पैसे और वक्त की बर्बादी हैं ,न्यू कमर्स को भले मौका मिला लेकिन दर्शकों के साथ ये धोखा ही है, आज के ऐसे दौर में जब कंटेंट काफी आगे बढ़ चुका हैं, इस तरह की फिल्म बनाना अपने आप में अजीब है और ऐसा क्यों किया गया ये तो इस फिल्म को बनाने वाली ही बता सकते हैं.
एक्टिंग- आयुष कुमार ने ठीक काम किया है, वो प्रॉमिसिंग लगे हैं, अब उनके कैरेक्टर को लिखा जैसा गया उन्होंने वैसा निभाया, आकायशा ने ठीक काम किया है, वो लगी ठीक हैं, नताशा फर्नांडिस को देखकर लगा कि उनसे जबरदस्ती एक्टिंग करवाई जा रही है या उनसे एक्टिंग हो ही नहीं पा रही, बाकी ऐसा कोई एक्टर नहीं जो असर छोड़ पाया हो.
राइटिंग और डायरेक्शन- सुनील दर्शन ने ये फिल्म डायरेक्ट की है और उन्होंने पांच लोगों के साथ मिलकर ये फिल्म लिखी है, अब इन लोगों ने क्या लिखा ये समझ से परे हैं क्योंकि डायलॉग काफी बकवास हैं, आपको हंसी आती है कि आज के दौर में ऐसी राइटिंग क्यों की गई और डायरेक्शन भी खराब ही कहा जाएगा.
म्यूजिक- नदीम ने फिल्म का म्यूजिक दिया है, समीर ने गाने लिखा हैं,शान, नीरज श्रीधर,पलक मुछाल, जावेद अली जैसे लोगों ने गाए हैं लेकिन म्यूजिक में कोई दम नहीं लगता
कुल मिलाकर ये वक्त और पैसे की बर्बादी है
रेटिंग- 1 स्टार

























